Bangladesh Violence: बांग्लादेश हिंसा की आग में झुलस रहा है और इस आग में सभ्य समाज के संस्कार स्वाहा हो चुके हैं.अगर विरोध केवल शेख हसीना का था तो वो उनके देश छोड़ने के बाद वो ख़त्म हो जाना चाहिए था लेकिन बांग्लादेश में इसका विस्तार हो रहा है और ये हालात नई चिंताओं, नई आशंकाओं और कई सवालों को जन्म दे रहे हैं.