उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव (Kedarnath Assembly by-election) के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. पार्टी ने 2017 में केदारनाथ विधानसभा सीट से विधायक रह चुके मनोज रावत (Manoj Rawat) को उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है. रावत ने 2022 में इसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. हालांकि पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है. वहीं भाजपा ने अभी तक विधानसभा उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. 29 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है.
1970 में जन्मे मनोज रावत के राजनीतिक करियर को देखें तो वह 2017 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे.
पत्रकार से राजनेता का सफर
हार के बावजूद रावत अपने क्षेत्र में लगातार बने रहे. यही वजह है कि पार्टी ने 2024 के विधानसभा उपचुनाव में उन पर भरोसा जताया है और केदारनाथ सीट से टिकट दिया है. रावत एआईसीसी के सदस्य हैं और उनकी दबंग और विद्वान नेता की छवि है.
उन्होंने राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार के रूप में काम किया. अपने पत्रकारिता के करियर में रावत ने कई बड़ी और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी खबरों को अपनी लेखनी के जरिए जनता तक पहुंचाया है. साथ ही उन्होंने इंवेस्टिगेशन जर्नलिज्म के रूप में भी काम किया है.
कई दावेदारों को पछाड़ा
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस में कई दावेदार थे, जिसमें पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, जिला अध्यक्ष कुंवर सजवान, लक्ष्मण रावत जैसे नामों के साथ ही अन्य कई नाम शामिल हैं. हालांकि इन सब को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को टिकट दिया है.
कांग्रेस ने 27 अक्टूबर को टिकट की घोषणा की है, लेकिन एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, केदारनाथ विधानसभा के सीनियर ऑब्जर्वर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, उप नेता प्रतिपक्ष भवन कापड़ी, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के साथ ही पूर्व विधायक मनोज रावत ने राज्य में जमीनों के मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसके बाद ही सब जाहिर हो गया था कि पार्टी ने पूर्व विधायक मनोज रावत पर भरोसा जताया है.