चुनाव से पहले दलितों को अपना बताने और बनाने की होड़! आंबेडकर के नाम पर योगी सरकार की नई तैयारी

यूपी में श्रमिकों की बड़ी संख्या है. छोटे शहरों से निकलकर रोज़ी रोटी के जुगाड़ में लोग लखनऊ पहुंच गए हैं. यही हाल ग़ाज़ियाबाद और नोएडा का भी है. कामकाज के चक्कर में लाखों मज़दूर एक शहर से दूसरे शहर जाते रहते हैं. उनके लिए सबसे बड़ी समस्या छत की रहती है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
लखनऊ:

बात दलितों की है, पिछड़े वर्ग के लोगों की है, उनके मान सम्मान की है, बात उनकी ज़िंदगी से जुड़ी है. आज के दौर में सत्ता की चाभी इनके पास है. लोकतंत्र में दलित और OBC ही अब असली 'जनार्दन' है, तो इन्हें अपना बनाने और बताने की होड़ मची है. यूपी का विधानसभा चुनाव अब बस डेढ़ साल दूर है. इसीलिए योगी सरकार अब बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर मज़दूरों के लिए सुविधा केंद्र बनाने की तैयारी में है.

सुविधा केंद्रों को सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में विकसित किया जाएगा

पहले चरण में योगी सरकार ने 17 नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा में श्रमिक सुविधा केंद्र बनाने का फैसला किया है. इनका नाम बाबा साहेब आंबेडकर पर होगा. इन केंद्रों को श्रमिकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां उन्हें स्वच्छ पेयजल, टॉयलेट, पंजीकरण सुविधा और सरकारी योजनाओं की जानकारियां  मिलेंगी. बीते दिनों श्रम विभाग ने सीएम योगी के सामने इसका ब्लू प्रिंट पेश किया था.इन केंद्रों से योगी सरकार का लक्ष्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को योजनाओं से जोड़ने की है.

रोजी-रोटी के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं लोग

यूपी में श्रमिकों की बड़ी संख्या है. छोटे शहरों से निकलकर रोज़ी रोटी के जुगाड़ में लोग लखनऊ पहुंच गए हैं. यही हाल ग़ाज़ियाबाद और नोएडा का भी है. कामकाज के चक्कर में लाखों मज़दूर एक शहर से दूसरे शहर जाते रहते हैं. उनके लिए सबसे बड़ी समस्या छत की रहती है. मतलब रहेंगे तो कहां और कैसे? मजदूरी के तौर पर जो पैसा मिलता है, उसमें आख़िर क्या-क्या करेंगे? एक कहावत है- नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या!

Advertisement

योगी सरकार ने बनाई विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना

ऐसे लाखों मज़दूर हैं जिनकी रातें अक्सर फुटपाथ या असुरक्षित स्थानों पर गुजरती हैं. इनके लिए ही योगी सरकार ने विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना बनाई है. श्रमिकों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल बनेगा. जिनमें स्वच्छ शौचालय, स्नानागृह, क्लॉक रूम और अस्थायी आवास की सुविधा होगी. जिससे श्रमिक न केवल सुरक्षित रह सकेंगे, बल्कि अगली सुबह नए काम की तलाश में बेहतर ढंग से निकल सकेंगे. आने वाले दिनों में इन योजनाओं का विस्तार हर नगर क्षेत्र और बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में करने की योजना है.

Advertisement

ये भी पढ़ें : आज से नहीं 2022 से है लखनऊ के इन दो IRS अधिकारियों के बीच अदावत, FIR के बाद अब खुल रहे राज

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top Headlines Of The Day: 2 से 3 चरणों में हो सकता है Bihar Assembly Elections