मुजफ्फरनगर दंगे : बीजेपी सरकार ने जो 77 केस बिना वजह बताए वापस लिए, उन्हें खोला जा सकता है दोबारा

मुजफ्फरनगर दंगों का असर आसपास के कई जिलों में हुआ. मेरठ जोन के पांच जिलों में 510 मुकदमे दर्ज हुए, 6869 लोग आरोपी बने, 175 केस में चार्जशीट हुई और 165 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी. 170 मामले  खत्‍म किए गए जबकि 77 मामले सरकार ने वापस लिए. इससे 40 लोगों पर केस बंद हो गया.

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मुजफ्फरनगर दंगों में 60 लोग मारे गए और करीब 60 हजार बेघर हुए थे (फाइल फोटो)

UP: उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर दंगों के जो 77 मुकदमे राज्‍य सरकार ने बिना कोई वजह बताए वापस ले लिए हैं, वे दोबारा खुल सकते हैं. ऐसा सुझाव सुप्रीम कोर्ट में दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों, विधायकों के मामले वापस लेने के लिए अब हाईकोर्ट की मंजूरी जरूरी कर दी है ताकि वे पद  का फायदा उठाकर अपने मुकदमे वापस नहीं करवा पाएं. मुजफ्फरनगर, देश के सबसे बड़े दंगों में से एक थे जिसमें 60 लोग मारे गए और करीब 60 हजार बेघर हुए थे. दंगों में कई बड़े बीजेपी नेताओं पर मुकदमे दर्ज हुए थे. सुप्रीम कोर्ट में अब 77 मुकदमों की फेहरिस्‍त दाखिल कर कहा गया है कि वे इन्‍हें यूपी सरकार ने बिना कोई वजह बताए वापस ले लिया है. इस मामले में एमिकस क्‍यूरी (न्‍यायमित्र) ने सुझाव दिया है कि हाईकोर्ट चाहे तो इनका दोबारा परीक्षण कर सकता हैं. याचिकाकर्ता ने सजा काटने के बाद एपी/एमएलए (सांसदों, विधायकों)को चुनाव लड़ने से रोकेने की मांग भी की है.

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याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा, 'सजा काटने के बाद...चाहे आपने रेप किया हो, चाहे कैती की हो, अगर आपने सजा काट ली तो सजा काटने के 6 साल बाद सांसद फिर से इलेक्‍शन लड़ सकता है.' रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्‍स एक्‍ट में यह जो कानून है जो  इनको दोबारा इलेक्‍शन के लिए परमिट करता है कि, वह बिल्‍कल गैरकानूनी है, इसे खारिज किया जाए.'  मुजफ्फरनगर दंगों का असर आसपास के कई जिलों में हुआ. मेरठ जोन के पांच जिलों में 510 मुकदमे दर्ज हुए, 6869 लोग आरोपी बने, 175 केस में चार्जशीट हुई और 165 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी. 170 मामले  खत्‍म किए गए जबकि 77 मामले सरकार ने वापस लिए. इससे 40 लोगों पर केस बंद हो गया.

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विपक्ष दंगों के केस वापस लेने को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए है. समाजवादी पार्टी (SP) के नेता राम गोविंद चौधरी कहते हैं, 'दंगे इसलिए वापस किए जा रहे क्‍योंकि उनको फिर दंगे कराना है उन्‍हीं लोगों से. बीजेपी का दंगा कराने का मुख्‍य काम है. ' उधर बीजेपी सरकार का कहना है कि सपा सरकार ने जिन लोगों को फर्जी फंसा दिया था, उनके मुकदमे वापस हो रहे हैं.

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उप मुख्‍यमंत्री केशव मौर्य कहते हैं, 'देखिए हम समाजवादी पार्टी की तरह किसी आतंकवादी पर से मुकदमे वापस नहीं ले रहे हैं. जिन्‍हें सपा सरकार के समय में तुष्टिकरण की राजनीति के अंतर्गत फंसाया गया था. जिनको फर्जी तरीके से फंसाया गया था तो उसमें सरकार अगर कोई कार्रवाई कर रही है तो अपने अधिकार के अनुसार कर  रही है.' सरकार दंगों के 77 मामले वापस लेने की मंजूरी मुजफ्फरनगर की अदालत को भेज चुकी है, इसके नतीजें में 40 लोगों के मुकदमे बंद हो जाएंगे. मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मंत्री सुरेश राना, बीजेपी के विधायक संगीत सोम, पूर्व बीजेपी विधायक अशोक कंसल, वीएचपीनेता साध्‍वी प्राची,  BKU नेता राकेश टिकैत, नरेश टिकैत, पूर्व कांग्रेस सांसद हरेंद्र मलिक इसमें शामिल हैं. इस मामले में जिला सरकारी वकील मुजफ्फरनगर, राजीव शर्मा ने बताया, 'अभी तीन या चार माह पहले 321 की एप्‍लीकेशन अलाउ  हुई थी जिसमें माननीय सुरेश रैना, संगीत सोम व अन्‍य तमाम नेताओं के मुकदमे वापस हुए थे. उससे पहले भी 321 की एप्‍लीकेशन अलाउ और रिजेक्‍ट होती रही है. '

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