हर घर को मिले नल का जल... ग्राउंड जीरो पर उतरे UP के जल मंत्री, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

यूपी के जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि 27 जून तक रिएलिटी चेक का ये अभियान जारी रहेगा. आगे वे ललितपुर के अलावा झांसी, जालौन, कानपुर जैसे जिलों में भी जमीनी हकीकत जानने जाएंगे

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हर घर को नल का पानी मिले. ये पीएम नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. आज़ादी के 78 सालों बाद भी पीने का पानी अब भी कई घरों के लिए किसी सपने से कम नहीं है. इसी सपने को सच में बदलने के लिए साल 2019 में जल जीवन मिशन योजना शुरू की गई थी. लक्ष्य था कि साल 2024 तक ग्रामीण इलाके के हर घर में पीने का पानी पहुंच जाए. यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है. इस लिहाज़ से ये बड़ी चुनौती है. इस योजना को लेकर हाल के दिनों में कुछ शिकायतें मिली. जिसके बाद योगी सरकार ने सभी 75 जिलों में एक एक IAS अफसर को रिएलिटी चेक करने के लिए भेजा था. 

अब खुद यूपी के जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह औचक निरीक्षण पर निकल पड़े है. इस सिलसिले की शुरूआत बुंदेलखण्ड से हुई है. बुधवार कोस्वतंत्र देव सिंह, प्रमुख सचिव अनुराग  श्रीवास्तव अपने साथी अफ़सरों  के साथ ललितपुर जिले पहुंचे. सबसे पहले जल शक्ति मंत्री ने मिशन से जुड़े स्थानीय अधिकारियों के साथ जल-जीवन-मिशन की मौजूदा स्थिति और मुश्किलों पर लम्बी बैठक की. इसके बाद मिशन से जुड़े अधिकारियों के साथ हालात समझने निकल पड़े. कचौंदा, ताल-गांव, सुनवहा इलाकों में मंत्री ने घूम-घूमकर मिशन की हकीकत समझी. उन्होंने इस दौरान छोटी बैठकों, स्थानीय दुकानदारों, घरेलू महिलाओं से भी सवाल किये. पानी की गुणवत्ता भी जांची गयी. गांव की सड़कों की मरम्मत, पानी का कम दबाव जैसी समस्याये लोगों नें उन्हें बताई.  मंत्री ने इन्हें दूर करने के निर्देश भी दिए.

यूपी के जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि 27 जून तक रिएलिटी चेक का ये अभियान जारी रहेगा. आगे वे ललितपुर के अलावा झांसी, जालौन, कानपुर जैसे जिलों में भी जमीनी हकीकत जानने जाएंगे. इस दौरान वे अफ़सरों के साथ साथ पब्लिक के बीच जाकर सीधे उनसे पूछेंगे कि “क्या आपके घर में अच्छी क्वालिटी का पानी आ रहा है?” इससे काम की गुणवत्ता तो सामने आयेगी ही, जनता को भी सीधे उत्तरदायित्व के केंद्र में लाया जा सकेगा.

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जिन जिलों मों जल जीवन मिशन की पाइपलाइन बिछ चुकी है और नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं.  वहां विशेष रूप से जल आपूर्ति की गुणवत्ता, दबाव और समयबद्धता का आकलन करने का यह अभियान आगे भी चलेगा. इस दौरान विभागीय अधिकारी प्रत्येक जिले  के दो से तीन ब्लॉकों के गांवों में रह कर पानी के स्रोत, जलग्रहण क्षेत्रों और  टंकियों को चेक करेंगे. किसी भी प्रकार की अनियमितता या जनता की शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा. मौके पर ही समस्या का समाधान करने की कोशिश होगी. इस विशेष अभियान के जरिए सरकार का उद्देश्य न सिर्फ जल जीवन मिशन की प्रगति को आंकना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि ‘‘हर घर नल से जल'' की योजना वास्तव में आमजन के जीवन को सरल बना रही है या नहीं.

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