उत्तर प्रदेश : बंद चीनी मिलों के घोटाले के मामले में 995.75 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच

ईडी ने यह जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. इस एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मोहम्मद इकबाल और उनके सहयोगियों ने एक हेराफेरी वाले विनिवेश प्रक्रिया के माध्यम से कई चीनी मिलों को गलत तरीके से अधिग्रहित किया.

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प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत उत्तर प्रदेश में बंद चीनी मिलों के फर्जी विनिवेश से जुड़े मामले में 995.75 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है. इन संपत्तियों में तीन बंद चीनी मिलें शामिल हैं, जिनमें खुले भूखंड, इमारतें और मशीनरी मौजूद हैं. ये संपत्तियां मल्लो इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड और हनीवेल शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हैं, जिन्हें पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल द्वारा नियंत्रित किया जाता है. ये चीनी मिलें उत्तर प्रदेश के बैतालपुर, भटनी और शाहगंज में स्थित हैं.

ईडी ने यह जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. इस एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मोहम्मद इकबाल और उनके सहयोगियों ने एक हेराफेरी वाले विनिवेश प्रक्रिया के माध्यम से कई चीनी मिलों को गलत तरीके से अधिग्रहित किया.

जांच में प्रमुख अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिसमें संपत्तियों का वास्तविक मूल्य से बहुत कम आंका जाना और बोली प्रक्रिया को गैर-प्रतिस्पर्धात्मक बनाना शामिल है. ईडी के अनुसार, इन चीनी मिलों की बाज़ार कीमत कहीं अधिक थी. लेकिन इन्हें बहुत कम दामों पर बेचा गया.

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ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि इन चीनी मिलों को खरीदने के लिए अवैध पैसे का उपयोग किया गया, जिसे वी.के. हेल्थ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से बेनामी कंपनियों के माध्यम से अनसिक्योर्ड लोन के रूप में लिया गया और फिर कई शेल कंपनियों के जरिए डायवर्ट किया गया.

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इसके अलावा, इन चीनी मिलों और उनकी ज़मीनों को स्पेशल पर्पस व्हीकल्स (SPVs) यानी विशेष उद्देश्य कंपनियों - मल्लो इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड और हनीवेल शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए खरीदा गया. बाद में इन कंपनियों की शेयर होल्डिंग रणनीतिक रूप से ट्रांसफर कर दी गई, जिससे इन पर मोहम्मद इकबाल और उनके करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों का कंट्रोल हो गया.

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ईडी ने इस फर्जी विनिवेश से जुड़े अपराध की संपत्ति को ट्रेस कर लिया है और अब 995.75 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया है. ईडी के अनुसार इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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