ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी नोमुरा (Nomura) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्र सरकार आगामी 2025-26 के आम बजट (Union Budget 2025) में उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax slabs) में बदलाव कर सकती है. इसके अलावा, सरकार इस बजट में राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation) और विकास (growth) को प्रोत्साहित करने वाले उपायों पर भी ध्यान दे सकती है.
राजकोषीय घाटा GDP का 4.8% रहने का अनुमान
नोमुरा का अनुमान है कि भारत वित्त वर्ष 2025 (FY2025) के लिए अपने राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) के लक्ष्य को पार कर सकता है. उनका कहना है कि यह घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.8% रहेगा, जो पहले के अनुमान 4.9% से थोड़ा कम है. इस बदलाव का कारण पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) या कैपेक्स में कमी बताया गया है.
वित्त वर्ष 2026 (FY2026) के लिए नोमुरा का अनुमान है कि पूंजीगत व्यय GDP के 4.4% पर रहेगा, जो भारत के मध्यम अवधि के लक्ष्यों (Medium-term Targets) के अनुरूप है.
सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में सालाना आधार पर 12.5% की वृद्धि संभव
इसके अलावा, नोमुरा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय (Public Capital Expenditure) में सालाना आधार पर 12.5% की वृद्धि हो सकती है.
नोमुरा ने यह भी अनुमान जताया कि भारत की सकल बाजार उधारी (Gross Market Borrowing) वित्त वर्ष 2026 में मामूली वृद्धि के साथ 14.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी, जो इस वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ रुपये थी. वहीं, शुद्ध बाजार उधारी (Net Market Borrowing) गिरकर 11.03 लाख करोड़ रुपये रह जाएगी, जो वित्त वर्ष 2025 के मुकाबले 60,000 करोड़ रुपये कम होगी.
बजट में सरकार का होगा बैलेंस रुख
नोमुरा का मानना है कि बजट में सरकार एक बैलेंस रुख अपनाएगी, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को फरवरी में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को कम करने में मदद मिल सकती है.
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