अलग-अलग तरह के मोबाइल चार्जर्स से मिलेगी छुट्टी, केवल दो ही तरह के होंगे चार्जर्स

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि बीआईएस ने टाइप-सी चार्जर के लिए मानकों को अधिसूचित कर दिया है.

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मोबाइल चार्जर्स के वेस्ट को काबू में करना है.

नई दिल्ली:

इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में केवल दो तरह के ही चार्जिंग पोर्ट उपलब्ध कराने की कोशिशों के बीच भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानक जारी किए हैं. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि बीआईएस ने टाइप-सी चार्जर के लिए मानकों को अधिसूचित कर दिया है. हितधारकों के साथ हुई पिछली बैठक में इस पर व्यापक सहमति बनी थी कि स्मार्टफोन, टैबलेट एवं लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की चार्जिंग के लिए यूएसबी टाइप-सी को अपनाया जाए.

उपभोक्ता मामलों का विभाग उपभोक्ताओं को सहूलियत देने और ई-अवशिष्ट में कमी लाने के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए केवल दो ही तरह के चार्जिंग पोर्ट मुहैया कराने की संभावना पर गौर कर रहा है. मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए यूएसबी टाइप-सी चार्जर और स्मार्टवॉच जैसे वियरेबल उपकरणों के लिए एक अन्य चार्जर देने पर विचार किया जा रहा है.

सिंह ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर वियरेबल उपकरणों में एक ही तरह का चार्जिंग पोर्ट देने से जुड़ा अध्ययन कर रहा है. इस बारे में रिपोर्ट आने पर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के साथ चर्चा की जाएगी.

देश में दो तरह के ही चार्जिंग पोर्ट को अनिवार्य किए जाने के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, ‘‘हमें इस संबंध में यूरोपीय संघ की 2024 की समयसीमा का पालन करना है. इसकी वजह यह है कि मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माताओं की आपूर्ति शृंखला वैश्विक होती है, वे सिर्फ भारत में ही अपने उत्पाद नहीं भेजते हैं.''

हितधारकों के साथ गत 16 नवंबर को हुई पिछली बैठक में इस पर सहमति बनी थी कि ‘कॉमन' चार्जिंग पोर्ट को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाए.

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