मोहन भागवत ने महिलाओं के कामकाज और निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी को समाज में बदलाव के लिए जरूरी बताया. भागवत ने कहा कि RSS में स्वयंसेवक के परिवार की महिलाएं संगठन की जिम्मेदारियों को पूरा करने में सहायक होती हैं. मोहन भागवत ने कहा कि समाज सुधार के लिए आधी आबादी को अलग रखना संभव नहीं है और उन्हें शामिल करना जरूरी है.