इनकम टैक्स रिटर्न : नौकरी गंवाने या बदलने के बाद भी भरें ITR, जानिए क्या होंगे फायदे

Income Tax एक्सपर्ट (Tax Expert) के अनुसार, नियमित तौर पर ITR भरने से भविष्य में किसी भी फाइनेंसियल इमरजेंसी (Financial Emergency) में लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं आती है. ऐसे में कम ब्याज दर पर भी आसानी से लोन मिल जाता है.

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ITR हर साल भरते रहने से वेतनभोगी या कारोबारियों को लोन में मिलती है सहूलियत
नई दिल्ली:

कोरोना काल में लाखों लोगों ने नौकरी या रोजगार गंवा दिए. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वित्तीय वर्ष के बीच में किसी ने रोजगार गंवा दिया हो तो उसे आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरना चाहिए या नहीं. कर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वित्तीय वर्ष के बीच में नौकरी गंवा दी है या बदली है तो भी इनकम टैक्स रिटर्न भरा जाना चाहिए. टैक्स एक्सपर्ट (Tax Expert) के अनुसार, नियमित तौर पर आईटीआर (ITR) भरने से भविष्य में किसी भी फाइनेंसियल इमरजेंसी (Financial Emergency) में लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं आती है. ऐसे में कम ब्याज दर पर भी आसानी से लोन मिल जाता है.

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मान लीजिए कि किसी का वेतन 50 हजार रुपये है और अगर उसने वित्त वर्ष 2021-22 में दिसंबर में नौकरी गंवा दी तो 8 माह में उसे 4 लाख रुपये सैलरी मिली जो इनकम टैक्स रिटर्न भरने की न्यूनतम सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है. ऐसे में ऐसे व्यक्ति को आईटीआर जरूर भरना चाहिए.

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मान लीजिए 50 हजार रुपये ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के तीन महीनों (अप्रैल-जून) के बाद ही नौकरी गंवा दी और उसे पूरे वित्तीय वर्ष में नौकरी नहीं मिली तो उसकी सालाना आय 1.20 लाख रुपये हुई ऐसे में उसे वैधानिक तौर पर तो आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है. हालांकि टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार आईटीआर भरने के कई फायदे हैं. इसमें किसी भी प्रकार का लोन लेने में आसानी होती है. 

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अगर किसी वेतनभोगी की सैलरी 40 हजार रुपये है और उसने वित्त वर्ष (Financial Year) के 6 माह बाद नौकरी गंवा दी है तो उसकी वार्षिक आय 2.40 लाख रुपये है. यह आईटीआर भरने के लिए न्यूनतम सालाना आय से कम है, ऐसे में आईटीआर भरने की जरूरत नहीं लेकिन अगर आय पर टीडीएस (TDS) की कटौती हुई है तो रिफंड प्राप्त करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरा जाना चाहिए.

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अगर आपने किसी वित्त वर्ष के बीच में नौकरी बदली है तो आईटीआर भरने में सावधानी बरतें. मान लीजिए कि पहली कंपनी में 7 माह नौकरी की है और दूसरी कंपनी में 5 माह. ऐसे में आपको दोनों कंपनियों से फॉर्म-16 (Form-16) लेना चाहिए और दोनों की सैलरी को मिलाकर आईटीआर भरना चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आय में विसंगति पैदा होगी और आपको इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) मिल सकता है.

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