अब सिर्फ CVV नहीं, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का 16-डिजिट नंबर भी रखना होगा याद, वरना नहीं होगा ऑनलाइन पेमेंट

केंद्रीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने और बड़ी टेक कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं का डेबिट- क्रेडिट कार्ड (Debit-credit card number) जैसा संवेदनशील डेटा स्टोर करने से बचाने के लिए नया नियम जारी किया है.

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नई दिल्ली:

जल्द ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेमेंट करना थोड़ी लंबी प्रक्रिया में बदल सकता है और अगर आपको ढेर सारे नंबर याद रखने में दिक्कत होती है, तो आपको थोड़ी मुश्किल भी हो सकती है, क्योंकि जल्द ही आपको पेमेंट के वक्त खुद अपना कार्ड नंबर और CVV की डिटेल डालनी पड़ेगी. दरअसल, केंद्रीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने और बड़ी टेक कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं का डेबिट- क्रेडिट कार्ड (Debit-credit card number) जैसा संवेदनशील डेटा स्टोर करने से बचाने के लिए नया नियम जारी किया है.

नए नियमों के हिसाब से ये कंपनियां अपने सर्वर या डेटाबेस में ग्राहकों का डेटा नहीं रख पाएंगी. नई गाइडलाइन के मुताबिक, कस्टमर को किसी भी ऑनलाइन भुगतान के समय अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड का पूरा नंबर या सीवीवी डिटेल याद करके डालना होगा, अन्यथा भुगतान संभव नहीं होगा. इससे ग्राहकों की कोई भी संवेदनशील जानकारी इन इंटरनेट कंपनियों के पास सेव नहीं होगी और पेमेंट गेटवे में भी कोई डेटा स्टोर नहीं हो सकेगा.

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कब तक लागू हो सकता है यह नया बदलाव

अगर सबकुछ आरबीआई के प्लान के मुताबिक गया तो ये नए बदलाव जनवरी 2022 से लागू किए जा सकते हैं. आरबीआई इस नए नियम को इसी साल जुलाई से लागू करना चाहती थी, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कुछ दिक्कतें भी आ रही थीं. बैंक भी इसके लिए अभी तैयार नहीं हो पाए थे, इसलिए इसे अगले छह महीनों तक के लिए टाल दिया गया.

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ऑनलाइन पेमेंट एक्सपर्ट का कहना है कि इससे डिजिटल भुगतान में समय थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन यह ज्यादा सुरक्षित तरीका होगा. इसके बाद ऑनलाइन खरीदारी के दौरान ग्राहकों को अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के पूरे 16 नंबर खुद डालने होंगे और सीवीवी, एक्सपायरी डेट (Expiry date and CVV)  जैसी डिटेल भी खुद भरनी होगी. 

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अमूमन जब किसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से एक बार पेमेंट डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये करते हैं तो ये कंपनियां या ऑनलाइन पेमेंट वॉलेट सारे डेटा स्टोर कर लेते हैं और आसान और तेज भुगतान के नाम पर इसे सेव रखते हैं. लेकिन नए नियम प्रभावी होने के बाद टेक कंपनियों के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा. अक्सर लोग आरबीआई के पास शिकायत कर रहे हैं कि उनकी कार्ड डिटेल का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की गई है. लेकिन कंपनियां इससे पल्ला झाड़ लेती हैं. वो साफ कहती हैं कि उनके पास ग्राहकों की डिटेल्स में किसी भी प्रकार की कोई सेंध नहीं लगाई गई है. 
 

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