सरकार ने विमानन कंपनियों से उड़ानों के प्रस्थान से 24 घंटे पहले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क, पीएनआर विवरण और भुगतान से जुड़ी जानकारी सीमा-शुल्क अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा है. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यात्रियों के विवरण से मिलने वाली सूचना का इस्तेमाल देश में आने वाले या देश से बाहर जाने वाले यात्रियों की निगरानी में सुधार और जोखिम मूल्यांकन के लिए किया जाएगा.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोमवार को ‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022' को अधिसूचित करते हुए विमानन कंपनियों को अनिवार्य रूप से इसका अनुपालन करने को कहा है.
इस विनियम का उद्देश्य यात्रियों का ‘‘जोखिम विश्लेषण'' करना है ताकि आर्थिक और अन्य अपराधियों को देश छोड़कर भागने से रोका जा सके. इसके साथ ही इस प्रावधान से तस्करी जैसे किसी भी अवैध गतिविधियों की जांच करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों के पीएनआर का ब्योरा इकट्ठा करने वाले 60 देशों की सूची में शामिल हो गया है.
अधिसूचना में क्या कहा गया है?
अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘प्रत्येक एयरलाइन यात्रियों के नाम एवं अन्य रिकॉर्ड की जानकारी सीमा-शुल्क विभाग को देगा. परिचालक यह जानकारी सामान्य कारोबारी परिचालन के तहत पहले ही इकट्ठा कर चुके हैं.'' अधिसूचना में कहा गया है कि प्रत्येक विमानन कंपनी को इस नियम के अनुपालन के लिए सीमा शुल्क विभाग के पास पंजीकरण कराना होगा.
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विमानन कंपनियों को भारत आने वाले और भारत से जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सूचना देनी होगी. इस सूचना में यात्री का नाम, बिलिंग / भुगतान जानकारी (क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की तारीख के साथ एक ही पीएनआर टिकट पर यात्रा करने वाले अन्य लोगों के नाम भी शामिल होंगे.
सरकार ने उड़ान के 24 घंटे पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों के पीएनआर की जानकारियां सीमा-शुल्क विभाग को देने का प्रस्ताव पांच साल पहले के बजट में ही रखा था. लेकिन इसका औपचारिक ढांचा अब जाकर सामने आ पाया है.
क्या है यह नया नियम लाने की वजह?
हालांकि, सरकार ने इस तरह की व्यवस्था को जरूरी करने के पीछे की वजह नहीं बताई है. लेकिन विश्लेषकों ने कहा कि यह प्रावधान बैंकों का कर्ज न चुकाने वाले कर्जदारों को देश छोड़कर भागने से रोकना है. सरकार खुद संसद में कह चुकी है कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे कुल 38 आर्थिक अपराधी पिछले पांच वर्षों में देश से भाग चुके हैं.
इस अधिसूचना के मुताबिक, इस नियम का पालन नहीं करने पर एयरलाइन को हर उल्लंघन पर न्यूनतम 25,000 रुपये और अधिकतम 50,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर अन्य कानूनी एजेंसियों को भी यात्रियों से जुड़ी जानकारी साझा की जा सकेगी. हालांकि, इस तरह का कदम मामले को देखकर उठाया जाएगा.
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