Blogs | रवीश कुमार |सोमवार फ़रवरी 25, 2019 01:16 PM IST एक प्रधानमंत्री का वक़्त बेहद क़ीमती होता है. अगर उनका सारा वक़्त इन्हीं सब नौटंकियों में जाएगा तो क्या होगा.जगह-जगह सफ़ाईकर्मी संसाधनों और वेतनों की मांग को लेकर आंदोलन करते रहते हैं. इसी दिल्ली में ही कितनी बार प्रदर्शन हुए. ध्यान नहीं दिया. गटर साफ़ करने के दौरान कितने लोग गैस से मर गए. बहुतों को मुआवज़ा तक नहीं मिलता. आज भी सर पर मैला ढोया जाता है. प्रधानमंत्री पांव धोने की चतुराई दिखा जाते हैं. उन्होंने सम्मान नहीं किया है बल्कि उनके सम्मान का अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए चालाक इस्तमाल किया है.