'संवैधानिक तरीके'

- 15 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: समरजीत सिंह |गुरुवार फ़रवरी 29, 2024 11:09 AM IST
    कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि संवैधानिक अदालतों को मामलों पर समयबद्ध तरीके से फैसला लेने के आदेश नहीं देने चाहिए, क्योंकि जमीनी स्तर के मुद्दों की जानकारी संबंधित अदालतों को होती है. ऐसे आदेश केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दिए जाने चाहिए 
  • India | Reported by: सुनील कुमार सिंह, Edited by: बिक्रम कुमार सिंह |बुधवार फ़रवरी 7, 2024 12:13 PM IST
    अपनी पार्टी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सब कुछ गैर संवैधानिक तरीके से हो रहा है. शिवसेना अपनी लड़ाई लड़ रही है. चुनाव आयोग ने जो फैसला लिया है वह गलत है.
  • India | Reported by: भाषा |मंगलवार अक्टूबर 31, 2023 10:32 PM IST
    तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष न्यायालय से हस्तक्षेप का आग्रह किया है. सरकार ने आरोप लगाया कि ‘‘एक संवैधानिक प्राधिकार बाहरी कारणों से’’ राज्य सरकार के कामकाज में ‘‘असंवैधानिक तरीके से व्यवधान’’ डाल रहा है. 
  • India | Reported by: भाषा |बुधवार मार्च 30, 2022 05:37 AM IST
    कोई भी सोशल मीडिया कंपनी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर नहीं कर सकती है और इंटरनेट एक सुरक्षित तथा भरोसेमंद स्थान होना चाहिए, जिसमें सभी मंच अपने उपयोगकर्ताओं के प्रति जवाबदेह हों. सूचना प्रौद्योगगिकी (IT) मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को यह बात कही. डिजिटल मंचों पर मनमाने तरीके से सामग्रियों को हटाने के आरोप के बीच अधिकारियों ने यह बात कही है.
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार दिसम्बर 16, 2021 06:10 PM IST
    हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने 2015 में 24 घंटे पोस्टमॉर्टम की सुविधा लागू करने का एक आदेश जारी किया था और तिरुवनंतपुरम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, त्रिशूर और कोझिकोड के पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज में और कासरगोड में प्रायोगिक परियोजना के तौर पर जनरल हॉस्पिटल में भी रात में पोस्टमॉर्टम की मंजूरी दी गई थी.
  • India | Written by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार जुलाई 3, 2021 05:55 PM IST
    उत्तराखंड (Uttarakhand) में बीजेपी (BJP) के विधायक दल ने पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को नया नेता चुना है. वे प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे. संवैधानिक संकट के चलते तीरथ सिंह रावत (Teerath Singh Rawat) के इस्तीफा देने से उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का पद रिक्त होने जा रहा है. इसको लेकर बीजेपी में तीन दिनों से जारी घटनाक्रम को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस (Congress) नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा कि ''भाजपा के मुख्यमंत्री चयन का सीन नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ. कुछ लोगों के लिए अंगूर हमेशा-हमेशा के लिए खट्टे हो गए हैं.'' रावत ने अपने इस बयान से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर निशाना साधा है.
  • India | Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार अक्टूबर 12, 2020 05:44 PM IST
    ''वर्तमान सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) एक इंटरव्यू में कहते हैं कि अनुच्छेद 370 (Article 370) जिसे संवैधानिक तरीके से भारत के संसदीय पटल पर हटाया गया था, चीन (China) की सहायता से अनुच्छेद 370 को दोबारा वापस लाया जाएगा. यह न केवल चिंतनीय है बल्कि दुखद है.'' बीजेपी नेता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने यह बात कही है. पात्रा ने कहा है कि ''केवल फारूक अब्दुल्ला ऐसा कहते हैं ऐसा नहीं है, अगर आप इतिहास में जाएंगे और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जी के हाल फिलहाल के बयानों को सुनेंगे तो आप पाएंगे कि ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.''
  • Rajasthan news | Reported by: भाषा |शुक्रवार जुलाई 24, 2020 07:30 PM IST
    इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों से आग्रह किया है कि हमें गांधीवादी तरीके से पेश आना है. गहलोत ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं और हम कोई टकराव नहीं चाहते.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार जनवरी 17, 2020 04:45 PM IST
    राष्ट्रपति और राज्यपाल की दया याचिका की शक्ति की न्यायिक समीक्षा भी हो सकती है. संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 के तहत शक्तियों के प्रयोग पर न्यायिक समीक्षा की सीमाओं को संविधान पीठ द्वारा मारू राम बनाम भारत संघ मामले में सीमित कर दिया गया था. यह कहा गया था कि संवैधानिक शक्ति सहित सभी सार्वजनिक शक्ति को मनमाने ढंग से या दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने इस बात पर जोर दिया था कि "शक्ति सबसे महान क्षण है, स्वयं के लिए कोई कानून नहीं हो सकता है लेकिन इसे संवैधानिकता के महीन सिद्धांत द्वारा सूचित किया जाना चाहिए.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अगस्त 6, 2019 10:57 PM IST
    जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक लोकसभा में भी पास हो गया. राज्यसभा में सोमवार को पास हो गया था. गृह मंत्रालय का विधेयक था इसलिए दोनों ही दिन अमित शाह के रहे. प्रधानमंत्री दोनों दिन मौजूद रहे मगर वे सुनते ही रहे. खबर है कि वे देश को संबोधित करेंगे. अमित शाह ने पूरी तैयारी के साथ भाषण दिया. दोनों दिनों का भाषण एक जैसा ही था फिर भी विपक्ष उन्हें प्रभावशाली तरीके से घेर नहीं सका. शशि थरूर ने सरदार पटेल को लेकर अपनी बात रखी कि धारा 370 पर नेहरू और पटेल सबके दस्तखत थे. कांग्रेस भीतर से बंटती चली गई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ज़रूर संवैधानिक प्रक्रियाओं का सवाल उठाया है लेकिन उन्होंने भी सरकार के विधेयक का समर्थन किया है.
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