जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक लोकसभा में भी पास हो गया. राज्यसभा में सोमवार को पास हो गया था. गृह मंत्रालय का विधेयक था इसलिए दोनों ही दिन अमित शाह का रहा. प्रधानमंत्री दोनों दिन मौजूद रहे मगर वे सुनते ही रहे. खबर है कि वे देश को संबोधित करेंगे. अमित शाह ने पूरी तैयारी के साथ भाषण दिया. दोनों दिन का भाषण एक जैसा ही था फिर भी विपक्ष उन्हें प्रभावशाली तरीके से घेर नहीं सका. शशि थरूर ने सरदार पटेल को लेकर अपनी बात रखी कि धारा 370 पर नेहरू और पटेल सबके दस्तखत थे. कांग्रेस भीतर से बंटती चली गई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ज़रूर संवैधानिक प्रक्रियाओं का सवाल उठाया है, लेकिन उन्होंने भी सरकार के विधेयक का समर्थन किया है. भुवनेश्वर कलिता, अदिती सिंह, रंजीत रंजन, दीपेंद हुड्डा, अनिल शास्त्री मिलिंद देवड़ा, अश्विनी कुमार, जनार्दन द्विवेदी जैसे नेताओं ने खुद को ऑफिशियल लाइन से अलग कर लिया है. मगर आज लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी पार्टी को लाइन से ही उतार दिया. उनके साथ भाषा की समस्या रहती है इसलिए दोबारा कहने का मौका दिया गया तो भी वही कहा.