India | Written by: नितेश श्रीवास्तव |गुरुवार अगस्त 20, 2020 12:04 PM IST अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए IPS सिकेरा ने बताया कि किस तरीके से उनके पिता उन्हें IIT का एग्जाम दिलाने के लिए साइकिल पर ले गए थे और जब वह भौतिकत वस्तुओं को देखकर असहज हुए तो अपने शब्दों से पिता ने किस तरीके से नवनीत सिकेरा का मनोबल ऊंचा किया था. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कि ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गई. अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल पर बिठा कर IIT का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे. उन्होंने बताया कि एग्जाम सेंटर पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे , उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे , मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहां टिक पाऊंगा और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी.