Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार जनवरी 28, 2020 11:56 PM IST शाहीन बाग़ से बहुत सारी आवाजें आ रही हैं, बहुत सारे दृश्य आ रहे हैं. वहां तिरंगा लहराया जा रहा है, वहां जन-गण-मन और वंदे मातरम तक गाया जा रहा है, वहां भारत का सुंदर नक्शा बनाया जा रहा है. वहां भारत की साझा संस्कृति के गीत गाए जा रहे हैं, वहां गांधी, अंबेडकर, भगत सिंह और राम प्रसाद बिस्मिल वाली आज़ादी के नारे लगाए जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी को यह सब सुनाई और दिखाई नहीं पड़ रहा. उसे बस दो हाशिए की आवाज़ें सुनाई पड़ीं जिन्हें शाहीन बाग के मंच का समर्थन नहीं मिला.