India | Reported by: राजीव रंजन, Edited by: सिद्धार्थ चौरसिया |शुक्रवार अप्रैल 16, 2021 01:41 AM IST ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर की मदद से वायुसेना ने थल सेना के जवानों को बहुत तेजी से बॉर्डर पर पहुंचाया था. इतना ही नहीं रफाल, मिग-29 और तेजस के सरहद पर लगातार उड़ान भरने से चीन काफी हद तक दबाव में आ गया. अब चीन के साथ 11वें दौर की कोर कमांडर लेवल पर बातचीत खत्म हो चुकी है, लेकिन चीन की सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग और देपसांग जैसे इलाकों से पीछे हटने में आनाकानी कर रहा है. ऐसे में फिर से चीन से लगी सीमा पर हालात कब चिंताजनक हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है, अगर चीन के साथ हालात और बिगड़ते हैं तो थल सेना के साथ के साथ वायुसेना की भूमिका काफी अहम हो जाएगी.