Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार अगस्त 11, 2016 10:17 AM IST अगर आपने वाक़ई आतंकवाद के पीछे धर्म के होने की अवधारणा से मुक्ति पा ली है तो आइए, उसी बौद्धिकता के साथ हो लीजिए, जो दुनिया में आतंकवाद को पालने-पोसने में शामिल राष्ट्र प्रमुखों, संभ्रांत नेताओं और कॉरपोरेट के मिले होने के विश्लेषणों में शामिल हैं. जिस बौद्धिकता को आप आतंकवाद बताना चाहते हैं, दरअसल वह कुछ और नहीं, मानवतावाद है.