Blogs | Ravish Kumar |सोमवार जून 6, 2016 04:58 PM IST उम्मीद है मुकुल द्विवेदी की मौत के सन्नाटे का कुछ कुछ हिस्सा आप सभी के आस पास भी पसरा होगा। उनकी यादें रह रहकर आ जा रही होंगी। कोई पुरानी बात याद आ रही होगी, कुछ हाल की बात याद आ रही होगी। ट्रेनिंग के समय अकादमी की चोटी से हैदराबाद देखना याद आ रहा होगा।