World | Reported by: कादम्बिनी शर्मा, Edited by: मानस मिश्रा |रविवार अगस्त 18, 2019 09:24 AM IST दिल्ली से लगभग आधी रात को उड़ान भर के, ग्वांगझू में फ़्लाइट बदल कर क़रीब पंद्रह घंटे बाद जब मेरा जहाज़ शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (Autonomous Region) की राजधानी उरुमुची के पास पहुंचा तो सबसे पहले नज़र आए बर्फ़ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और गहरी खाइयां. गोबी रेगिस्तान भी यहीं है जो सहारा के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान है.चीन सरकार के बुलावे पर मैं यहाँ आई हूं इसलिए एयरपोर्ट पर मुझे लेने दो लोग पहुंचे थे, एक सरकारी अधिकारी और एक इंटरप्रेटर. असल में यहां दूसरे देशों से आए लोगों को जो सबसे बड़ी समस्या होती है वो है भाषा की. बीजिंग में भी अंग्रेज़ी बेहद कम लोग बोलते हैं, फिर उरुमुची में क्या उम्मीद करते?