Blogs | बुधवार अगस्त 5, 2015 09:23 PM IST जब तक आतंकवाद का चेहरा नकाब से ढका होता है वो क्रूर तो लगता है लेकिन जब नकाब हटता है तो उससे भी क्रूर हो जाता है क्योंकि तब आप देख पाते हैं कि कैसे फर्ज़ी मज़हबवाद और राष्ट्रवाद के नाम पर नौजवानों को आग में झोंका जा रहा है।