India | Reported by: मनीष कुमार, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |सोमवार जून 14, 2021 12:45 PM IST लोक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट और चिराग पासवान के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने के बाद पशुपति पारस ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके अपना पक्ष रखा है. पार्टी को तोड़ने के आरोपों के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं पार्टी को तोड़ने नहीं बल्कि बचा रहा हूं. उन्होंने इसे मजबूरी भरा फैसला बताते हुए कहा कि यह मजबूरी का फैसला है, हम तीन भाई थे. हमारे पांचो सांसद की इच्छा थी कि पार्टी को टूटने से बचाया जाए. मेरा दुर्भाग्य है कि मेरे दोनों भाई छोड़कर गए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व ने आकर विध्न डाला और हमारे 99 प्रतिशत कार्यकर्ता नाराज हैं. 2014 में सभी की इच्छा थी कि हम एनडीए को पार्ट बने.