Blogs | प्रियदर्शन |बुधवार मार्च 7, 2018 04:04 PM IST लेनिन की मूर्ति आपने गिरा दी, लेकिन कृपया पेरियार को छूने की कोशिश न करें....
यह वैधानिक नहीं, शुद्ध राजनीतिक चेतावनी है. आज की तारीख़ में अम्बेडकर, ज्योतिबा फुले और पेरियार महज़ मूर्तियां नहीं, ऐसे खंभे हैं, जिनमें बिजली दौड़ रही है.