Literature | इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |शनिवार अक्टूबर 29, 2016 11:51 AM IST वरिष्ठ पत्रकार और 'अकबर' किताब के लेखक शाजी जमां का कहना है कि अकबर सभी तरह की जानकारियां रखते थे, और बहुत कम लोगों को पता है कि वह ब्रज भाषा में दोहे कहते थे. साथ ही वह आम जनता की बोलचाल की भाषा से भी वाकिफ थे. उन्होंने कहा कि भाषा के अलावा धर्म में भी उनकी गहरी रुचि थी. जमां ने कहा, "बादशाह अकबर आज के जमाने की भाषा में 'डिस्लेकशिया' नामक बीमारी के शिकार थे.