Blogs | डॉ विजय अग्रवाल |सोमवार अगस्त 29, 2016 04:48 PM IST ज़ाहिर है, ट्रंप की आज की आवाज़ में 'विश्व-विजेता' के अहंकार की हुंकार सुनाई दे रही है. सिकंदर को खुद की अवहेलना कतई स्वीकार नहीं थी, जबकि वह दूसरों की अवहेलना करने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझता था... सो, अमेरिका आज का सिकंदर है. इसलिए लग रहा है कि 'विश्व-राष्ट्र' के दिन अब पूरे होने वाले ही हैं. यदि ट्रंप जीते, तो फिर इस जीत को इसके ताबूत की अंतिम कील मान लिया जाना चाहिए.