Blogs | सोमवार दिसम्बर 29, 2014 01:05 PM IST "जब धारा के विपरीत जाना हो तो बीच धार में नाव नहीं ले जाते। किनारे-किनारे चलाते हैं। बीच में बहाव काफी तेज़ हो जाता है।" नाविक रवि साधु का ये सहज ज्ञान हम सब अपने जीवन से खोते जा रहे हैं। जिसे मानव समाज ने हज़ारों साल में नदियों के किनारे हासिल किया था।