Blogs | क्रांति संभव |सोमवार अक्टूबर 17, 2016 06:45 PM IST बचपन से ही मैं चाहता था कि मैं बायकॉट करूं. बहुत दिन से ललक थी. पर एक्प्रेस नहीं कर पा रहा था. परिस्थितियां मेरी इस इच्छा को चारों ओर से कूट रही थीं, जैसे अनजान कॉलनी में घुसे कुत्ते की हालत होती है. पहले तो ये शर्त सुना कि बायकॉट केवल लड़कियां ही कर सकती थीं.