'तारक मेहता' के लीड एक्टर दिलीप जोशी के साथ मुनमुन दत्ता
नई दिल्ली:
#MeToo बेशक देश का सबसे चर्चित टॉपिक बना हुआ है. देशभर की महिलाएं अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न पर खुलकर बातचीत कर रही हैं. बॉलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री तक की एक्ट्रेस मामले पर चुप्पी तोड़ रही हैं. टीवी के सबसे पॉपुलर शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' में बबीता जी का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) ने भी मी-टू कैंपेन का समर्थन किया हैं. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नवरात्रि प्रोग्राम में शामिल होने पहुंची सब टीवी फेम एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता ने मी-टू कैंपेन से जुड़े अपने अनुभव साझा किए.
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मुनमुन दत्ता ने यहां कहा कि हर महिला को उम्र के किसी न किसी पड़ाव पर लैंगिक शोषण का शिकार होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जो महिलाएं मी-टू कैंपेन के जरिए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं, समाज को उनका सम्मान करना चाहिए. मुनमुन मंगलवार की रात बिलासपुर पहुंची. इस दौरान वे नवरात्रि उत्सव में शामिल हुई और नगरवासियों के साथ डांडिया भी किया.
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पिछले साल मुनमुन दत्ता ने अपने साथ बचपन में हुए यौन उत्पीड़न की कहानी साझा की थी, उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में पड़ोस में रहने वाले अंकल का जिक्र किया था, जो अकेला देखते ही उन्हें पकड़ लिया करता था.
Me Too कैम्पेन से जुड़े बचपन के खौफनाक अनुभव साझा करते हुए मुनमुन ने लिखा था, "ऐसा कुछ लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ रहे हैं. ऐसा कर के मैं वापस बचपन की उन यादों को जी रही हूं, जब मैं अपने नजदीक में रहने वाले एक अंकल से डरती थीं, क्योंकि उन्हें जब भी मौका मिलता था वह मुझे जकड़ लेते थे और धमकी देते थे कि मैं यह बात किसी को न बतायूं... या मुझसे उम्र में कहीं ज्यादा बड़े कजिन, जो अपनी खुद की बेटियों से अलग तरह की निगाह से मुझे देखते थे... या वह आदमी जिसने मुझे अस्पताल में पैदा होते हुए देखा था और बाद में जब मैं 13 साल की थी तो उसने मुझे छूना सही समझा क्योंकि मैं एक टीनेजर थी और मेरे शरीर में बदलाव हो रहे थे... या मेरा ट्यूशन टीचर जिसने मुझे नीचे हाथ लगाया था... या वह टीचर जिसे मैंने राखी बांधी थी, जो अपनी फीमेल स्टूडेंट्स को उनकी ब्रा का स्ट्रैप पकड़ कर खींचता था और लड़कियों के स्तन पर थप्पड़ मारता था... या ट्रेन में मिला वह आदमी जिसने तुम्हें जकड़ लिया था.. क्यों ??? क्योंकि आप इतनी छोटी थीं और डरी हुई थीं कि कुछ कह ही नहीं पायीं. इतनी डरी हुई कि आप अपने पेट में एक अजीब सी मरोड़ महसूस करती हैं और आपका गला डर के मारे सूख जाता है... आप समझ नहीं पाती कि आप अपने पेरंट्स को यह कैसे बताएंगी या आप शर्म के मारे यह किसी को बता ही नहीं पाती हैं. और तब आपके भीतर मर्दों को लेकर एक अजीब सी नफरत पैदा होने लगती है, क्योंकि आपको लगता है कि यही वह अपराधी हैं जिनकी वजह से आपको यह महसूस करना पड़ा है. एक ऐसी भावना, जिससे बाहर आने में आपको सालों लग जाते हैं."
VIDEO: मुखौटा हटाता #MeToo? ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
(इनपुट: Ians)
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मुनमुन दत्ता ने यहां कहा कि हर महिला को उम्र के किसी न किसी पड़ाव पर लैंगिक शोषण का शिकार होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जो महिलाएं मी-टू कैंपेन के जरिए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं, समाज को उनका सम्मान करना चाहिए. मुनमुन मंगलवार की रात बिलासपुर पहुंची. इस दौरान वे नवरात्रि उत्सव में शामिल हुई और नगरवासियों के साथ डांडिया भी किया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ उनका नाम जोड़े जाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा, "मैंने अपने जीवनकाल में कभी फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली से मुलाकात भी नहीं की है, ऐसे में किसी तरह का संबंध होने का सवाल ही पैदा नहीं होता."
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पिछले साल मुनमुन दत्ता ने अपने साथ बचपन में हुए यौन उत्पीड़न की कहानी साझा की थी, उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में पड़ोस में रहने वाले अंकल का जिक्र किया था, जो अकेला देखते ही उन्हें पकड़ लिया करता था.
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Me Too कैम्पेन से जुड़े बचपन के खौफनाक अनुभव साझा करते हुए मुनमुन ने लिखा था, "ऐसा कुछ लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ रहे हैं. ऐसा कर के मैं वापस बचपन की उन यादों को जी रही हूं, जब मैं अपने नजदीक में रहने वाले एक अंकल से डरती थीं, क्योंकि उन्हें जब भी मौका मिलता था वह मुझे जकड़ लेते थे और धमकी देते थे कि मैं यह बात किसी को न बतायूं... या मुझसे उम्र में कहीं ज्यादा बड़े कजिन, जो अपनी खुद की बेटियों से अलग तरह की निगाह से मुझे देखते थे... या वह आदमी जिसने मुझे अस्पताल में पैदा होते हुए देखा था और बाद में जब मैं 13 साल की थी तो उसने मुझे छूना सही समझा क्योंकि मैं एक टीनेजर थी और मेरे शरीर में बदलाव हो रहे थे... या मेरा ट्यूशन टीचर जिसने मुझे नीचे हाथ लगाया था... या वह टीचर जिसे मैंने राखी बांधी थी, जो अपनी फीमेल स्टूडेंट्स को उनकी ब्रा का स्ट्रैप पकड़ कर खींचता था और लड़कियों के स्तन पर थप्पड़ मारता था... या ट्रेन में मिला वह आदमी जिसने तुम्हें जकड़ लिया था.. क्यों ??? क्योंकि आप इतनी छोटी थीं और डरी हुई थीं कि कुछ कह ही नहीं पायीं. इतनी डरी हुई कि आप अपने पेट में एक अजीब सी मरोड़ महसूस करती हैं और आपका गला डर के मारे सूख जाता है... आप समझ नहीं पाती कि आप अपने पेरंट्स को यह कैसे बताएंगी या आप शर्म के मारे यह किसी को बता ही नहीं पाती हैं. और तब आपके भीतर मर्दों को लेकर एक अजीब सी नफरत पैदा होने लगती है, क्योंकि आपको लगता है कि यही वह अपराधी हैं जिनकी वजह से आपको यह महसूस करना पड़ा है. एक ऐसी भावना, जिससे बाहर आने में आपको सालों लग जाते हैं."
VIDEO: मुखौटा हटाता #MeToo? ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
(इनपुट: Ians)
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