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उर्वशी रौतेला के मंदिर वाले बयान पर रश्मि देसाई का फूटा गुस्सा, बोलीं- धर्म के नाम पर खेल न खेलें...

टीवी एक्ट्रेस रश्मि देसाई ने उर्वशी रौतेला के "उर्वशी मंदिर" पर विवादास्पद बयान को लेकर सोशल मीडिया के जरिए गुस्सा जाहिर किया है.

उर्वशी रौतेला के मंदिर वाले बयान पर रश्मि देसाई का फूटा गुस्सा, बोलीं- धर्म के नाम पर खेल न खेलें...
उर्वशी रौतेला के बयान पर भड़कीं रश्मि देसाई
नई दिल्ली:

टीवी एक्ट्रेस रश्मि देसाई ने उर्वशी रौतेला से "उर्वशी मंदिर" पर उनके विवादास्पद बयान के बाद धर्म के नाम पर खेल न खेलने का आग्रह किया. उर्वशी की टिप्पणी से परेशान रश्मि ने टूटे हुए दिल और मुड़े हुए इमोजी के साथ इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "यह दुखद है कि लोग इस तरह की बकवास के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं करते...भारत में हिंदू धर्म का मजाक बनता जा रहा है. वैसे, जब वह अपना जवाब दोहरा रहीं तो वह राजनीतिक रूप से सही थीं. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जानबूझकर बेतुकी बातें कर रही थीं...यह दुखद है. धर्म के नाम पर खेल न खेलें." 

जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि उर्वशी ने कथित तौर पर दावा किया कि बद्रीनाथ धाम के पास उनके नाम पर एक मंदिर है, "उर्वशी मंदिर". इतना ही नहीं, उन्होंने आगे दक्षिण भारत में भी ऐसा ही कुछ होने की इच्छा व्यक्त की थी. इस बयान पर मंदिर को पवित्र मानने वाले पुजारी और स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी. वहीं उन्होंने सरकार से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की थी. 

इसके बाद उर्वशी की टीम ने एक बयान जारी कर सभी से ‘इस वीडियो को ठीक से सुनने और फिर बोलने' के लिए कहा. बयान में कहा गया, “उर्वशी रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड में मेरे नाम पर एक मंदिर है, न कि उर्वशी रौतेला का मंदिर, अब लोग ठीक से सुनते भी नहीं हैं. सिर्फ ‘उर्वशी' या ‘मंदिर' सुनकर वे मान लेते हैं कि लोग उर्वशी रौतेला की पूजा करते हैं. इस वीडियो को ठीक से सुनें और फिर बोलें.”

दिल्ली विश्वविद्यालय में उर्वशी को “दमदमी माई” कहे जाने के पिछले बयानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “उर्वशी ने कहा, हां, दिल्ली विश्वविद्यालय में उन्हें ‘दमदमी माई' के रूप में पूजा जाता था, और इस बारे में एक न्यूज आर्टिकल भी है. उर्वशी रौतेला के बयान के बारे में भ्रामक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. किसी भी व्यक्ति के खिलाफ निराधार आरोप या अपमानजनक टिप्पणी करने से पहले फैक्ट की पूरी तरह से जांच कर लेना जरूरी है. समाज में सभी को एक-दूसरे के साथ सम्मान और समझदारी से पेश आना चाहिए ताकि सभी के अधिकारों की रक्षा की जा सके."

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