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न्यूजरूम में महिलाओं के लिए जगह बनाने वाली ये थी भारत की पहली न्यूजरीडर, बहुत कम लोग जानते हैं इनकी कहानी

न्यूजरूम में महिलाओं के लिए जगह बनाना आसान नहीं है. आज के समय में भी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को वरीयता दी जाती है. मगर एक ऐसी महिला है जिन्होंने 50 के दशक में महिलाओं के लिए न्यूजरूम में जगह बनाई थी.

न्यूजरूम में महिलाओं के लिए जगह बनाने वाली ये थी भारत की पहली न्यूजरीडर, बहुत कम लोग जानते हैं इनकी कहानी
न्यूजरूम में महिलाओं के लिए जगह बनाने वाली ये थी भारत की पहली न्यूजरीडर
नई दिल्ली:

आजकल लोगों के लिए न्यूज का सोर्स मोबाइल फोन हो गया है. लोगों को सोशल मीडिया के जरिए ही दुनियाभर की खबरें मिल जाती हैं. दुनिया के किसी भी कोने में कुछ भी होने पर सेकेंडों में ही उसकी जानकारी आपके फोन पर आज जाती है. मगर पहले ऐसा नहीं था. न्यूज की शुरुआत अखबार से हुई थी. उसके बाद टीवी की शुरुआत की गई. टीवी पर भी दूरदर्शन ही न्यूज का साधन था. पूरे दिन की खबरें जानने के लिए लोग शाम को टीवी के आगे बैठ जाते थे. देश की पहली न्यूज रीडर एक महिला थीं. जिन्होंने अपने बुलेटिन के बाद न्यूजरूम में महिलाओं के लिए एक अलग जगह बनाई थी. इस महिला का नाम प्रतिमा पुरी है. आपको प्रतिमा पुरी के बारे में बताते हैं.

कब शुरू हुआ था पहला बुलेटिन

15 अगस्त 1965 को आकाशवाणी भवन के स्टूडियो ऑडिटोरियम से दूरदर्शन की ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत हुई थी. ऑल इंडिया रेडियो के तहत ही दूरदर्शन को शुरू किया गया था. पहला बुलेटिन सिर्फ 5 मिनट का था जिसे प्रतिमा पुरी ने पढ़ा था.

कौन हैं प्रतिमा पुरी
प्रतिमा पुरी हिमाचल प्रदेश के शिमला की रहने वाली हैं. उनका असली नाम विद्या रावत है. प्रतिमा पुरी ने अपने करियर की शुरुआत शिमला के ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन से ही की थी. शिमला में ऑल इंडिया रेडियो में काम करने के बाद दमदार आवाज की वजह से उन्हें दिल्ली भेज दिया गया था. दिल्ली आकर प्रतिमा देश की पहली न्यूज रीडर बनीं.

प्रतिमा पुरी का न्यूज पढ़ने का अंदाज काफी आकर्षित था. उनकी आवाज बहुत मधुर थी. प्रतिमा पुरी जैसा न्यूज बुलेटिन आज तक कोई नहीं पढ़ पाया है. उन्हें देखने के बाद कई महिलाओं को मीडिया में करियर बनाने का हौसला मिला था. इतना ही नहीं उन्होंने कई महिलाओं की मीडिया में करियर बनाने में भी मदद की थी. लंबे समय तक दूरदर्शन में बतौर न्यूज रीडर काम करने के बाद उन्होंने लोगों को न्यूजरीडर बनने के लिए ट्रेनिंग भी देना शुरू कर दिया था.

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