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बीआर चोपड़ा की महाभारत के इस एक्टर के साथ एक ही हॉस्टल में रहते थे रतन टाटा, कुछ ऐसे बिताए थे 60s के वो दिन 

बीआर चोपड़ा की महाभारत में शकुनी का किरदार निभाने वाले एक्टर गुफी पेंटल ने टाटा समूह के दिवंगत मानद अध्यक्ष रतन टाटा के साथ बिताए पलों को एक बार याद किया था.

बीआर चोपड़ा की महाभारत के इस एक्टर के साथ एक ही हॉस्टल में रहते थे रतन टाटा, कुछ ऐसे बिताए थे 60s के वो दिन 
Ratan Tata & Gufi Paintal Friendship: महाभारत एक्टर के अच्छे दोस्त थे रतन टाटा
नई दिल्ली:

Gufi Paintal & Ratan Tata Dosti: भारतीय अभिनेता और कास्टिंग डायरेक्टर गुफी पेंटल ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में टाटा समूह के दिवंगत मानद अध्यक्ष रतन टाटा के साथ बिताए पलों को याद किया था. पेंटल टेलीविजन शो "महाभारत" में शकुनि की भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं. वीडियो में गुफी पेंटल ने 1960 के दशक के आखिरी दिनों की बात की थी जब वह जमशेदपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. उस पल को याद करते हुए उन्होंने कहा था, "उस समय रतन टाटा अमेरिका से अपनी ट्रेनिंग से लौटे ही थे और मुझसे कुछ साल बड़े थे. वह रूम नंबर 21 में रहते थे और बहुत ही सज्जन व्यक्ति थे. इतने सम्मानित परिवार से आते थे. अब तो वह टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख हैं और मुझे उन्हें अपना दोस्त पाकर गर्व महसूस होता है."

गुफी को वे छोटे-छोटे पल याद हैं, जिन्होंने उनकी दोस्ती को खास बना दिया था. उन्होंने कहा, "वह (रतन टाटा) हमें अपनी कार में पिकनिक पर ले जाते थे और हमारी दोस्ती बहुत अच्छी थी. मैं एकमात्र छात्र था जिसे वह चर्चा के लिए अपने कमरे में बुलाते थे. उनके पास 1960 के दशक की शुरुआत में एक खूबसूरत सिल्वर कन्वर्टिबल प्लायमाउथ थी और उस समय कार में हाई-फिडेलिटी रेडियो देखना उल्लेखनीय था. हम अंग्रेजी और हिंदी गाने सुनते थे और कभी-कभी बिनाका गीतमाला भी सुनते थे."

उन्होंने बांद्रा में लिंकिंग रोड पर बिताए एक पल को याद करते हुए कहा, "मुझे याद है एक दिन जब मैं बांद्रा में लिंकिंग रोड पार करने के लिए इंतजार कर रहा था. एक बड़ी कार रुकी और मैंने देखा कि पीछे दो बड़े कुत्ते बैठे हैं. कार में रतन टाटा थे जो घर लौट रहे थे. उन्होंने रुककर पूछा कि क्या मैं आपको छोड़ सकता हूं. मैंने कहा, "नहीं रतन, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं सड़क पार कर रहा हूं. मेरी कार दूसरी तरफ है." यह एक छोटी सी मुलाकात थी, लेकिन इसने मुझ पर एक अमिट छाप छोड़ी."

बता दें कि रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था और उन्होंने 1991 में टाटा समूह की कमान संभाली. उन्होंने स्टील, ऑटोमोबाइल और आईटी सहित कई क्षेत्रों में अपने समूह का विस्तार किया. सरकार ने उन्हें "पद्म भूषण" और "पद्म विभूषण" से सम्मानित किया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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