दूरदर्शन के दिन भी क्या दिन थे. ये वो दौर था जब किताबों और जिंदगी के बेहद करीब रहने वाली कहानियं कही जाती थीं. उस दौर में मनोरंजन की खुराक काफी सीमित मात्रा में रहती थी, और कंटेंट काफी सीमित आता था, लेकिन क्वालिटी के मामले में कमाल का रहता आता. उस दौर में हम लोग, बुनियाद, नुक्कड़, महाभारत, रामायण और चंद्रकांता जैसे कई सीरियल आए. जिनमें मध्यवर्गीय जीवन की त्रासदियों से लेकर फंतासी तक नजर आई. लेकिन दूरदर्शन पर एक ऐसा भी सीरियल आया जिसने दर्शकों के सामने ठेठ देसी डिटेक्टिव पेश किया. जो धोती कुर्ता पहनता और बहुत ही सादगी के साथ रहता. इस बात की गारंटी है कि अगर यह डिटेक्टिव सीरियल ओटीटी के दौर में आया होता तो इसके एक दो नहीं बल्कि कई सीजन रिलीज किए जाते.
हम बात कर रहे हैं, 1993 से 1997 तक दूरदर्शन यानी डीडी नेशनल पर आए डिटेक्टिव सीरियल ब्योमकेश बक्शी की. ये टीवी सीरियल शरदेन्दु बन्द्योपाध्याय की किताब पर आधारित था. इस शो को शरलॉक होम्स का इंडियन वर्जन माना जाता रहा है. ब्योमकेश बक्शी का डायरेक्शन बासु चटर्जी ने किया था. डीडी नेशनल के इस धारावाहिक में रजित कपूर और केके रैना लीड रोल में थे. रजित कपूर ने ब्योमकेश का किरदार निभाया था.जबकि ब्योमकेश बक्शी की पत्नी का किरदार सुकन्या कुलकर्णी ने निभाया था.
ब्योमकेश बक्शी के कुल 34 एपिसोड हैं. दिलचस्प यह है कि 28 मार्च, 2020 को जब कोरोनावायरस की वजह से 28 दिन का लॉकडाउन लगा था, उस समय धारावाहिक की री-टेलीकास्ट किया गया था. इस सीरियल को खूब पसंद भी किया गया था. फिर करमचंद के भारतीय टीवी के परदे पर इस तरह का जासूस पहली बार आया था. यही बात इस शो की खासियत भी बनी. फिर रजित कपूर ने जिस तरह से इस किरदार को निभाया वह आज भी याद किया जाता है. यह भी बता दें कि आईएमडीबी पर ब्योमकेश बक्शी की रेटिंग भी कमाल की है. इसे 10 में से 9.2 की रेटिंग मिली है.
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