
मॉडर्न कॉलोनी भीषण गर्मी से जूझ रही है और तापमान के साथ-साथ गुस्सा भी बढ़ रहा है. भीषण गर्मी के बीच तिवारी यानी रोहिताश्व गौर 90 हज़ार की कीमत का एक शानदार, विदेशी एसी घर लाए हैं. जिसके बाद सभी की नजर उनके घर पर लगी हुई है. उनका घर एक नया पर्यटक स्थल बन गया है. उनके लिए नहीं, बल्कि उसके बेहतरीन एसी के लिए.
इस बीच, बेचारा विभूति यानी आसिफ शेख न सिर्फ़ गर्मी से बल्कि दिल टूटने से भी पसीने से तरबतर है.
एसी आने के बाद से ही तिवारी ने अपने घर को बंद कर लिया है, जिससे विभूति अंगूरी भाभी यानी शुभांगी अत्रे की रोज़ाना की खुराक से वंचित हो गया है. उसकी परेशानी को और बढ़ाने के लिए तिवारी, अनीता यानी विदिशा श्रीवास्तव के सामने उसका मज़ाक उड़ाता है, उसकी बेरोज़गारी और एसी न होने का मज़ाक उड़ाता है. लेकिन जब किस्मत (या खराब वायरिंग) उसे परेशान करती है और विभूति के बेडरूम का एसी खराब हो जाता है, तो चीज़ें बदल जाती हैं. हैरानी की बात यह है कि विभूति उसे खुद ही ठीक कर लेता है! प्रभावित होकर, अनीता उसे एसी मरम्मत का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करती है. बदला लेने की आग में जलते हुए विभूति तिवारी के घर में घुस जाता है और उसके एसी से छेड़छाड़ करता है.जब एसी खराब हो जाता है, तो तिवारी घबरा जाता है और कस्टमर केयर को कॉल करता है.
बाबा के भेष में डेविड चाचा (अनूप उपाध्याय) की एंट्री होती है, जो चालाकी से स्थिति को बदल देता है, इसलिए विभूति को शीर्ष तकनीशियन के रूप में सिफारिश की जाती है. जब विभूति आता है, तो वह एसी को ठीक करने के लिए नब्बे हज़ार की बात करता है . ठीक वही रकम जो तिवारी ने इसके लिए चुकाई थी. इसके बाद नकली खराबी, बढ़ते मरम्मत बिल और तिवारी की सपनों की कूलिंग मशीन का कभी न खत्म होने वाले दुःस्वप्न में बदल जाने का एक मज़ेदार क्रम शुरू होता है.
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