शुक्रवार को गहलोत सरकार के राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को उनके मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था. जिसके बाद से राजेंद्र सिंह गुढ़ा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. आज एक बार फिर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि “वह विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वन टू वन जवाब मांगेंगे, अगर वह सदन में आएंगे तो, लेकिन मुख्यमंत्री पैरों में पट्टी बांधकर बैठे हैं. हाउस में आते नहीं हैं. जवाब देते नहीं है. गृह विभाग उनके पास है, अगर गृह विभाग किसी काबिल व्यक्ति के पास होता तो वर्तमान में प्रदेश के जो हालात हैं वह पैदा नहीं होते.”
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उन्होंने कहा कि “प्रदेश में अराजकता का माहौल है. मुख्यमंत्री का इकबाल खत्म हो रहा है. महिला अत्याचारों में राजस्थान पूरे देश में नंबर वन पर है. यह राजेंद्र गुढ़ा नहीं बोल रहा है, बल्कि अपराध के आंकड़े बोल रहे हैं. मुझे मंत्री बनाने या हटाने से कुछ नहीं होगा. हमें मां, बहन और बेटियों में सुरक्षा का भाव पैदा करना होगा.”
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उन्होंने एक बार कहा कि वह सोमवार को सदन में जाकर बोलेंगे और सरकार से जवाब लेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक उनका दिल धड़केगा और सांस चलेगी. तब तक वह बोलेंगे. इसके लिए चाहे उन्हें जेल ही क्यों ना जाना पड़े. इस मौके पर उन्होंने कहा कि “पुलिस मंथली लेने में लगी हुई है, अवैध शराब वालों के रूटों की एस्कॉर्ट पुलिस करती है. एफआईआर दर्ज कराने, आरोपियों के नाम काटने, एफआईआर लगाने, चालान पेश करने सभी के पैसे लेती है.” उन्होंने इस मौके पर हाल ही में विधानसभा में बनाए गए कानून का विरोध करते हुए कहा कि “अब विरोध करने पर भी पांच साल की सजा कर दी है. किसी के घर के व्यक्ति की जान चली जाती है. उसके लिए न्याय की बात करने वालों को जेल में डालने का कानून सरकार ले आई है. जो सही नहीं है.”