राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) में NSUI के छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज होने के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में RSS का एक कार्यक्रम चल रहा था. इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए NSUI के कुछ छात्रों ने आयोजन का पोस्टर फाड़ दिया. साथ ही स्टेज को भी तोड़ने की कोशिश की गई. इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे NSUI के छात्रों पर पुलिस की लाठियां चलने लगी. इस घटना में की छात्र घायल हुए हैं. वहीं पुलिस गाड़ियों पर भी लाठी बरसाते हुए दिखे.
विधि कॉलेज ग्राउंड में RSS का शस्त्र पूजन का कार्यक्रम
बताया जाता है कि विजयदशमी के उपलक्ष में विधि कॉलेज ग्राउंड में शस्त्र पूजन का कार्यक्रम रखा गया था. एनएसयूआई ने शैक्षिक कैंपस में इस तरह की गतिविधियों पर एतराज जताया था. वहीं, कुलपति के इस कार्यक्रम को परमिशन देने पर भी आपत्ति जताई. जब NSUI प्रदर्शनकारियों ने RSS कार्यक्रम की ओर कूच किया तो पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए खदेड़ा. इस दौरान NSUI के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस की ओर से सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. अशोख गहलोत और टीकाराम जूली समेत कई नेता कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
अशोक गहलोत पुलिस के बल प्रयोग की निंदा की
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय में RSS द्वारा शस्त्र पूजा का कार्यक्रम रखना ही आपत्तिजनक है. शिक्षा के स्थान को इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना कैसे उचित माना जा सकता है? जब NSUI के कार्यकताओं ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने बल प्रयोग किया. इसके साथ ही, RSS के कार्यकर्ताओं ने कानून को अपने हाथों में लेकर NSUI के कार्यकताओं से मारपीट की. यह दिखाता है कि राजस्थान में अब कानून का राज खत्म होता जा रहा है और RSS ही एक्स्ट्रा कॅन्सिट्यूशनल अथॉरिटी बन गई है. इस घटनाक्रम की जितनी निंदा की जाए वो कम है. बड़े शर्म की बात है कि यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई और पुलिस इसे रोकने में असफल रही. इसका आशय है कि पुलिस RSS के दबाव में है. यदि पुलिस इसी तरह दबाव में रही तो कानून व्यवस्था कैसे संभालेगी.
वहीं इस घटना पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा राजस्थान विश्वविद्यालय में RSS द्वारा शिक्षा के मंदिर को राजनीतिक अखाड़ा बनाए जाने के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे NSUI कार्यकर्ताओं और नेताओं पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया, जिसमें कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए. यह कृत्य भाजपा सरकार और उसकी पुलिस की फासीवादी मानसिकता को दर्शाता है. छात्रों की आवाज़ को दबाने के लिए लाठियाँ चलाना लोकतंत्र की हत्या के समान है.