राजस्थान के अलवर में विश्व विख्यात सरिस्का बाघ परियोजना में एक बार फिर खुशखबरी आई है. यहां बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया है. जिससे सरिस्का फिर किलकारियों से गूंज उठा है. सरिस्का में अब बाघों की संख्या 30 हो गई है. सरिस्का के अधिकारी अब शावकों की निगरानी के लिए मुस्तैद हैं. अलवर शहर के पास ही इनका इलाका है.
चूरू: खेत में सो रहे युवक को सांप ने काटा, परिजन जिंदा सांप पकड़ पहुंच गए अस्पताल
दरअसल, अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व की रेंज अलवर बफर के वन क्षेत्र में बाधिन एस.टी. 19 ने दो शावकों को जन्म दिया है. इन दोनों शावकों की कैमरा ट्रैप में फोटो 6 जुलाई 2023 को कैप्चर हुई थी. इन दोनों शावकों के संभावित पिता इस क्षेत्र में घूमने वाला नर बाघ एस.टी. 18 है. अलवर बफर ज़ोन में कई बार टाइगर और उनके शावक दिखाई दे चुके हैं.
सरिस्का के क्षेत्रीय निदेशक आरएन मीना ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में अब बाघों की संख्या 28 से बढ़कर 30 हो गई है. इस सुखद समाचार से वन और वन्यजीव प्रेमियों ने अपनी खुशी जाहिर की है. सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि शावकों की चहलकदमी और अपनी मां के साथ घूमने के कारण इस इलाके में फिलहाल पर्यटक या आमजन का आना मना है और सरिस्का की टीमें उनकी मॉनिटरिंग के लिए लगाई गई हैं क्योंकि यही इलाका अलवर से लगता है इसलिए विशेष निगरानी की जरूरत है, वहीं दोनों शावकों का मूवमेंट अभी अनिश्चित है. हालांकि अभी दोनों शावक अपनी मां के साथ हैं और ये वयस्क होने तक अपनी मां के साथ ही रहते हैं. माना जा रहा है कि यह शावक करीब तीन महीने के हैं.