युद्ध नशे के विरुद्ध: नशा पीड़ितों के इलाज के लिए मनोचिकित्सकों की भर्ती करेगी पंजाब सरकार- हरपाल चीमा

पंजाब सरकार सामान्य जगहों के अलावा जेलों में भी कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगी. ये कार्यक्रम नशे की लत से उबरने वालों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे समाज में वापस आने पर उनके पास स्थायी आजीविका सुनिश्चित होगी.

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चंडीगढ़:

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मंत्री तरुणप्रीत सोंध के साथ सोमवार को 'युद्ध नशे विरुद्ध' पर कैबिनेट की उप-समिति की एक महत्वपूर्ण मीटिंग की. बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए चीमा ने नशे की समस्या से निपटने को लेकर कई महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की एवं पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार की योजनाओं के बारे में बताया.

200 साइकोलॉजिस्ट नियुक्त किए जाएंगे

नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग और उपचार की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए, राज्य सरकार छह महीने के लिए अस्थायी आधार पर 200 साइकोलॉजिस्ट नियुक्त करेगी. चीमा ने कहा कि नशे के आदी लोग ऐसे रोगी होते हैं जिन्हें चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिक सहायता दोनों की आवश्यकता होती है. स्वास्थ्य विभाग को मनोवैज्ञानिकों के लिए नियमित पद स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनकी स्थायी भर्ती अगले छह महीनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी.

नशा मुक्ति केंद्रों में 1,000 अतिरिक्त बेड

सरकार ने नशा मुक्ति केंद्रों व ओओएटी क्लीनिकों में 1,000 अतिरिक्त बेड जोड़कर बुनियादी ढांचे को और उन्नत करेगी. इसके अलावा निजी नर्सिंग संस्थानों और नशा मुक्ति केंद्रों के साथ साझेदारी से अतिरिक्त 1,000 बिस्तर उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब मरीजों की संख्या सरकारी क्षमता से अधिक हो जाए तो नशे के आदी लोगों को तुरंत निजी सुविधाओं में स्थानांतरित किया जा सके. इसका खर्च सरकार ही वहन करेगी.

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दैनिक मनोचिकित्सकीय सेवाएं

अब अस्पतालों, ओओएटी क्लीनिकों और नशा मुक्ति केंद्रों में रोगियों को विशेष उपचार प्रदान करने के लिए मनोचिकित्सकों को प्रतिदिन दो घंटे के लिए नियुक्त किया जाएगा. प्रत्येक मनोचिकित्सक को इन दो घंटों के लिए ₹3,000 का भुगतान किया जाएगा, जिससे आवश्यकता-आधारित परामर्श, इलाज व दवा उपलब्ध कराई जा सकेगी.

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नशा मुक्ति केंद्रों में कर्मचारियों की वृद्धि

स्वास्थ्य सुविधाओं में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए एक सप्ताह के भीतर एक व्यापक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

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नशे की लत से उबरने वालों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम

पंजाब सरकार सामान्य जगहों के अलावा जेलों में भी कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगी. ये कार्यक्रम नशे की लत से उबरने वालों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे समाज में वापस आने पर उनके पास स्थायी आजीविका सुनिश्चित होगी.

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'युद्ध नशे विरुद्ध' अभियान का व्यापक असर

मंत्री चीमा ने 'युद्ध नशे विरुद्ध' अभियान की उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की तथा पंजाब में नशे की समस्या से निपटने में इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इस अभियान के परिणामस्वरूप 9,580 नशे से संबंधित मामले दर्ज किए गए तथा कई कुख्यात तस्करों व गैंगस्टरों सहित 16,348 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई. इसके अतिरिक्त, सरकार ने नशा तस्करों की 118 संपत्तियों को ध्वस्त किया, 622 किलोग्राम हेरोइन जब्त की तथा 11 करोड़ रुपये नगद बरामद किए.

चीमा ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई अब एक जन आंदोलन बन गई है. अब लोग खुद नशा तस्करों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं. कई नशेड़ी स्वेच्छा से नशा मुक्ति केंद्रों में मदद मांग रहे हैं, जो नशा तस्करी के नेटवर्क में व्यवधान का ठोस संकेत है.

विपक्षी दलों की तीखी आलोचना

चीमा ने नशे को लेकर कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा की आलोचना की. उन्होंने उन पर अपने शासन के दौरान नशे के व्यापार को बढ़ावा देने और तस्करों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. चीमा ने कहा, "जब पंजाब में कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा का शासन था, तो उन्होंने नशा तस्करी के नेटवर्क को बढ़ावा दिया. उन्होंने पंजाब को नशे का पर्याय बना दिया. आज भी वे समाधान में योगदान देने के बजाय हमारे प्रयासों की आलोचना कर रहे हैं."

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