कभी भी अपनी मातृभाषा और मातृभूमि को नहीं भूलना चाहिए: द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं आप सभी को बताना चाहती हूं कि अपने परिवार, समाज और समुदाय में अपनी मातृभाषा का उपयोग करना आपकी जिम्मेदारी है. अपने बच्चों को उनकी मातृभाषा का ज्ञान दें.

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नागपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को परिवार और समाज में मातृभाषा के इस्तेमाल पर जोर दिया और कहा कि लोगों को अपनी मातृभाषा और मातृभूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए. मुर्मू नागपुर में भारतीय विद्या भवन के सांस्कृतिक केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर एक सभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा, ''हम पहले भारतीय हैं, चाहे हम अपने देश में रहें या इसके बाहर.''

रामायण का उदाहरण देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि 'मातृभूमि', 'मातृभाषा' और 'मां' सबसे ऊपर हैं. उन्होंने कहा, 'नयी पीढ़ी देश-विदेश में आधुनिक शिक्षा प्राप्त करके अच्छा काम कर रही है. अपनी जन्मभूमि से दूर होने के बावजूद वे अपनी स्थानीय भाषा और संस्कृति से जुड़े हुए हैं, जो बहुत अच्छी बात है.''

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी को बताना चाहती हूं कि अपने परिवार, समाज और समुदाय में अपनी मातृभाषा का उपयोग करना आपकी जिम्मेदारी है. अपने बच्चों को उनकी मातृभाषा का ज्ञान दें. अन्य भाषाएं और संस्कृतियां सीखना अच्छी बात है, लेकिन आप जीवन में जो भी बनें, अपनी मातृभाषा और मातृभूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए.''

उन्होंने कहा कि 'भारतीयता' हमारी पहचान है और दुनिया में भारत की भी पहचान है. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भगवान राम के जीवन मूल्य और संघर्ष मानव जाति के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने कहा, 'भगवान राम का अपने पिता की आज्ञा का पालन करना, अपने भाई के प्रति उनका प्यार और एक राजा के रूप में उनके कर्तव्य, आदर्श व्यवहार के उदाहरण हैं.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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