DAVIS CUP: भारत vs पाकिस्तान डेविस कप मुकाबले को लेकर इस्लामाबाद में कोई हाइप नहीं

DAVIS CUP: सुरक्षा इतनी कड़ी है कि भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान की मशहूर खातिरदारी का लुत्फ नहीं उठा पा रहे. उन्हें सिर्फ वेन्यू और टीम होटल तक जाने की अनुमति है

DAVIS CUP: भारत vs पाकिस्तान डेविस कप मुकाबले को लेकर इस्लामाबाद में कोई हाइप नहीं

करीब 60 साल बाद पाकिस्तान की धरती पर पहुंची भारतीय टीम

इस्लामाबाद :

पाकिस्तान टेनिस महासंघ को डेविस कप मैच के लिये खैबर पख्तूनख्वा या ब्लूचिस्तान जैसे क्षेत्रों से पास का अनुरोध पहली बार मिला है लेकिन इस्लामाबाद शहर को देखकर जरा भी अहसास नहीं होता कि यह भारत- पाकिस्तान जैसे ऐतिहासिक मुकाबले की मेजबानी कर रहा है. इस खूबसूरत शहर में एक भी पोस्टर नहीं लगा है जिससे पता चले कि भारतीय टीम 60 साल बाद यहां डेविस कप मुकाबला खेलने आई है.

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इस्लामाबाद खेल परिसर में भी कोई हलचल नहीं है जहां यह मैच होना है. यह परिसर स्थानीय मीडिया की पहुंच से भी बाहर है. पाकिस्तान टेनिस महासंघ को इस मुकाबले के जरिये देश में खेलों में नयी जान फूंकने की उम्मीद है, लेकिन ब्रांड, विज्ञापन, मार्केटिंग और इंटरव्यू के जरिये इसका प्रचार हो ही नहीं रहा है. मैच के दिन यानी शनिवार और रविवार को सिर्फ 500 मेहमान परिसर में होंगे. प्रवेश निमंत्रण के आधार पर होगा और पीटीएफ सिर्फ टेनिस जगत को न्योते दे रहा है.

सुरक्षा इतनी कड़ी है कि भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान की मशहूर खातिरदारी का लुत्फ नहीं उठा पा रहे. उन्हें सिर्फ वेन्यू और टीम होटल तक जाने की अनुमति है. वे पास के शॉपिंग मॉल या पर्यटन स्थलों पर भी नहीं जा सकते. पीटीएफ के एक आला अधिकारी ने कहा,‘हम इसे काफी बड़ा उत्सव बना सकते थे लेकिन हम ज्यादा ताम झाम से बचने के लिये मजबूर हैं. भारतीय महासंघ ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थीय आईटीएफ ने एक प्लान को मंजूरी दी है और हमें उसका पालन करना है.'

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उन्होंने कहा,‘हमारा बस चलता तो पूरे शहर में भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के पोस्टर होते लेकिन हमारे हाथ बंधे हैं.' पीटीएफ कोषाध्यक्ष मुहम्मद खलील चुगताई ने कहा, ‘भारतीय टीम अगर वाघा बॉर्डर के जरिये आती तो हम वाघा पर ही जबर्दस्त स्वागत करते. साल 2017 में ईरान ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और उसके अनुसार सुरक्षा इंतजाम किये गए. आखिर में वे खुद होटल में रहकर ऊब गए थे.' एआईटीए ने आईटीएफ से सुरक्षा कारणों से यह मुकाबला पाकिस्तान में नहीं कराने का अनुरोध किया था. डेविस कप समिति ने हालांकि उसकी अपील खारिज करके कहा था कि सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नजर नहीं आ रहा.