मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला मुख्यालय में स्थित ‘पनामा' कंपनी के साइलो गेहूं भंडारण केंद्र पर 15 करोड़ से ज्यादा का 76000 क्विंटल गेहूं सड़ कर बर्बाद हो गया, जबकि कंपनी और सरकार ने दावा किया था कि साइलो बैग में गेहूं खराब नहीं होता है लेकिन अब जब इतनी बड़ी तादाद में गेहूं सड़कर पूरी तरह बर्बाद हो गया है तब प्रशासन के आला अधिकारी गहे-बाहे झांकते नज़र आ रहे हैं. वहीं शिवपुरी के जिला कलेक्टर का कहना है कि मामले की पूरी तरह जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक परोड़ा में साइलो केंद्र भेड़ फार्म पर साल 2020-21 में किसानों से लगभग 4.10 लाख क्विंटल गेहूं खरीदा गया और साइलो बैग में उसे भरकर सुरक्षित रखने का दावा किया गया. साइलो बैग में 2 साल तक गेहूं पूरी तरह सुरक्षित रखने का ये दावा पनामा एग्रीकल्चर कंपनी ने किया था लेकिन समय रहते गेहूं का उठाव नहीं हुआ और बैग भी जगह-जगह से फट गए तो बोरियों में गेहूं भरकर रख दिया गया. जिसके चलते मौजूदा समय में 76000 क्विंटल से ज्यादा गेहूं पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. साइलो केंद्र पर जो गेहूं रखा है उसकी तस्वीरें साफ तौर पर बयां कर रही हैं कि यह किस तरह से गरीबों के पेट पर सीधी चोट है.
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कैसे हुई लापरवाही
कहते हैं दूध का जला हुआ छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है लेकिन यहां मामला बेहद उल्टा है बता दें कि लापरवाही का यह नजारा 2019 में भी सामने आया था जब इस कंपनी ने 4.80 करोड़ रुपए का गेहूं खरीदा और उसे भंडारण के लिए रख दिया, लेकिन गेहूं वहां सुरक्षित नहीं रखा जा सका और वह सड़ गया. यहां से सीख लेने की बजाय कंपनी ने वही गलती दोबारा की और अब यह 76 हजार क्विंटल अनाज सड़कर बर्बाद हो गया.
नुकसान की भरपाई करेगी कंपनी
इस मामले पर मध्य प्रदेश वेयरहाउस कॉरपोरेशन संभाग ग्वालियर के रीजनल मैनेजर अधिकारी संदेश कुमार पुरोहित का कहना है कि “शिवपुरी स्थित साइलो गेहूं भंडारण केंद्र पर सड़े हुए गेहूं के बर्बाद होने के बाद नुकसान की भरपाई करने के लिए कंपनी को नोटिस भेजा जा रहा है और सारी भरपाई कंपनी से की जाएगी.”
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वहीं, नाम ना छापने की शर्त पर कंपनी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मामला कंपनी की लापरवाही का नहीं बल्कि सरकार की अनदेखी का है. साल 2020 में 41000 मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर साइलो बैग में रखा गया था. 2 साल में गेहूं का उठाव होना था लेकिन ढाई साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अक्टूबर 2022 से गेहूं का उठाव शुरू कराया गया और इसके पीछे उन्होंने साफ तौर पर यह बताया कि निर्णय केंद्र और प्रदेश सरकार के स्तर से होना है इसलिए इसमें अनदेखी और लापरवाही हुई है.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि परोड़ा के साईलो गेहूं भंडारण केंद्र पर किसकी लापरवाही से गेहूं खराब हुआ इसकी हम पूरी तरह से जांच करेंगे और नागरिक आपूर्ति निगम अधिकारी को बुलाकर सारी जानकारी लेंगे, जो दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.