छत्तीसगढ़: बस्तर के किसान ने किया कमाल, खेती के काम के लिए ख़रीदा हेलीकॉप्टर

ये खबर आपको चौंका सकती है...क्योंकि बीते चार दशकों से जब भी बस्तर का जिक्र होता है तो जेहन में जो तस्वीर सामने आती है वो नक्सल आतंक की होती है...लेकिन यही बस्तर अब अपनी छवि बदल रहा है. ताजा मामला बस्तर के कोंडागांव का है. यहां के एक किसान राजाराम त्रिपाठी ने अपने निजी कार्य के लिए हेलीकॉप्टर खरीदा है

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

ये खबर आपको चौंका सकती है...क्योंकि बीते चार दशकों से जब भी बस्तर का जिक्र होता है तो जेहन में जो तस्वीर सामने आती है वो नक्सल आतंक की होती है...लेकिन यही बस्तर अब अपनी छवि बदल रहा है. ताजा मामला 
बस्तर के कोंडागांव का है. यहां के एक किसान राजाराम त्रिपाठी ने अपने निजी कार्य के लिए हेलीकॉप्टर खरीदा है वो भी 7 करोड़ रुपये में. बस्तर जैसे पिछड़े जिले में किसान द्वारा हेलीकॉप्टर खरीदने की खबर खूब चर्चा में है. हो भी क्यों न ? निजी हेलीकॉप्टर तो आम तौर पर बड़े उद्योगपति या फिर बॉलीवुड के सितारे खरीदते हैं. अच्छी बात ये है कि राजाराम अपने इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल निजी कार्य के साथ-साथ जंगलों की आग बुझाने में भी करेंगे. 

क्यों खरीद रहे हैं राजाराम हेलीकॉप्टर ? 

राजराम से जब NDTV ने बात की तो उन्होंने इस महंगे सौदे के बारे में तफ्सील से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मूलत: इसका इस्तेमाल खेती के कार्यों में किया जाएगा. वे कोंडागांव में काली मिर्च की खेती करते हैं. उनके मुताबिक काली मिर्च के पौधे लता के रूप में पेड़ों पर बहुत ऊंचाई तक पहुंच गए हैं. उतनी ऊंचाई पर पौधों में पानी और दवाई का छिड़काव करना संभव नहीं है इसलिए हेलीकॉप्टर की मदद से इस कार्य को किया जाएगा. राजाराम ने बताया कि  यह हेलीकॉप्टर रॉबिंसल कंपनी का है और इसका मॉडल r44 है जिसे उन्होंने केलिफोर्निया से लगभग 7 करोड़ में खरीदा है. हालांकि हेलीकॉप्टर की डिलिवरी के लिए अभी 22 महीने इंतजार करना होगा लेकिन कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी है. 

कौन हैं हेलीकॉप्टर खरीदने वाले किसान?

राजाराम त्रिपाठी बस्तर के ही मूल निवासी हैं. साल 1962 में इनका जन्म बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दरभा के छोटे से गांव ककनार में हुआ था. खेती-किसानी से इनका जुड़ाव पुराना रहा है पर 1996 से इन्होंने बैंक की नौकरी छोड़कर पूर्णकालिक किसान बनने का फैसला लिया. वे आज लगभग 1100 एकड़ में खेती का काम कर रहे हैं. वे सफेद मूसली, काली मिर्च, इंसुलिन, स्टीविया, सतावर एवं अन्य लगभग 17-18 प्रकार की जड़ी बूटियों व  कई महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती करते हैं. इन्होंने चार विषयों में एमए, चार विषयों में पीएचडी और एमएससी के अलावा एलएलबी की पढ़ाई भी की है. राजाराम त्रिपाठी अभी अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं. 

Featured Video Of The Day
CM Yogi के शहर में I Love Mohammed Poster में 'सिर कटाएंगे' के नारे! Gorakhpur में कौन फैला रहा नफरत
Topics mentioned in this article