समय से पहले बारिश और कम समय में ज़्यादा बारिश. पानी-पानी हुए मुंबई के लिए कुछ ये वजहें गिनाईं गईं. पर क्या समय से आई पिछली बारिश में तैयारी पूरी थी? विपक्ष महायुति सरकार पर हमलावर है तो सरकारी पक्ष ने भी विपक्षी दलों से पिछला हिसाब मांगा है. बीएमसी चुनाव से पहले बारिश पर जमकर सियासत हो रही है.
बारिश-नाला सफाई के अभियान में ख़ुद सड़कों पर उतरने वाले एकनाथ शिंदे फिर से मुंबई के वॉर रूम में तैनात दिखे. शिंदे अब उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन दावे और वादे वही हैं जो पिछली बारिश में बतौर मुख्यमंत्री थे.
बारिश को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट: शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा कि बीएमसी, स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट टीम, कोस्ट गार्ड सब कोऑर्डिनेशन से काम कर रहे हैं. बारिश को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. सरकार की कोशिश है कि बारिश के दौरान जानमाल का कोई नुकसान न हो.
शिंदे के बयान पर ठाकरे का तंज भी आना ही था. आदित्य ठाकरे ने पहले से ही हो रही करोड़ों की तैयारियों और मरम्मत के दावों में लूट और भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ा.
बीजेपी को मुंबई से इतनी नफरत क्यों?: ठाकरे
आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज दक्षिण और मध्य मुंबई में बीएमसी पर बीजेपी और भ्रष्ट नेताओं का कब्जा है. हिंद माता और गांधी मार्केट (पारंपरिक बाढ़ वाले स्थान) को हमारी सरकार ने 2022 में बाढ़ मुक्त कर दिया था. आज सरकार की उदासीनता के कारण बाढ़ आई. वर्ली में मेट्रो स्टेशन की दीवार ढह गई, जलभराव हो गया और सीवेज लाइन का पानी स्टेशन में घुस गया. इसका उद्घाटन 2 हफ्ते पहले हुआ था. केम्प्स कॉर्नर के पास एक नई बनी सड़क धंस गई है. केईएम अस्पताल, नेपेंसि रोड, बीएमसी वार्ड कार्यालयों और यहां तक कि मंत्रालय के पास भी जलभराव की खबर है. बीजेपी मुंबई से इतनी नफरत क्यों करती है? बीजेपी मुंबई को खत्म क्यों करना चाहती है?
इसके साथ ही कांग्रेस ने भी महायुति को निशाने पर लिया है.
भाजपा ने मांगा 25 सालों का हिसाब
महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार भी चुप नहीं बैठे. शिवसेना उद्धव गुट से मीठी नदी की सफाई में 1,000 करोड़ के घोटाले के आरोप के साथ ही 25 साल तक बीएमसी पर राज का हिसाब मांगा है.
बीएमसी चुनाव कुछ ही दूर है ऐसे में बारिश पर सियासत लाजमी है. हालांकि सरकारी पक्ष भी विपक्ष पर आपने आरोपों के साथ हावी है. मानसून की तो अभी शुरुआत है, देखते हैं बारिश के साथ साथ आरोपों की छीटें कहाँ तक उड़ती हैं.