महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की जीत में महिलाओं के लिए शुरू की गई “लाडली बहन” (लाडकी बहिण) योजना का बड़ा रोल रहा. हर चुनाव प्रचार इसके इर्द गिर्द ही घूमा. अब महायुति की सरकार बन चुकी है. तो सवाल है कि योजना के तहत 2100 रुपए महिलाओं के अकाउंट में कब पहुंचेंगे? खबर खूब फैली कि सरकार छठी किश्त जारी करने से पहले आवेदनों की पुनः जांच करेगी. विपक्ष ने हमले शुरू कर दिए तो महायुति अब सफ़ाई दे रही है.
लाडली बहनों को छठी किश्त का इंतजार
5 किश्तें पा चुकीं महाराष्ट्र की लाडली बहनों को अब छठी किश्त का इंतज़ार है. लेकिन फडणवीस सरकार द्वारा लाड़ली बहन योजना के लिए मिले आवेदनों की जांच की खबर ने बहनों की टेंशन बढ़ा दी है. जैसे ही इस मामले को लेकर हलचल बढ़ी वैसे ही महायुति सरकार ऐसी किसी जांच की खबर का खंडन करने लगी. एकनाथ शिंदे सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विभाग संभाल चुकीं अदिति तटकरे की देखरेख में ही ये योजना आगे बढ़ी. अदिति तटकरे कहती हैं लाभार्थी महिलाओं के आवेदनों की पुनः जांच कराने की खबर सही नहीं है.
आवेदनों की पुनः जांच पर क्या बोलीं अदिति तटकरे
अदिति तटकरे ने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों के आवेदनों की दोबारा जांच करने का कोई सवाल ही नहीं है. वर्तमान में करीब 2.34 करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है और आवेदन स्वीकृत करने से पहले उनकी गहन जांच की गई थी. आवेदनों की फिर से समीक्षा या जांच करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथविधि के बाद ही माना था कि योजना के तहत कुछ अपात्र महिलाओं को लाभ मिलने की शिकायतें मिली हैं. इसलिए आवेदनों की जांच पीएम किसान योजना की तर्ज पर की जाएगी.
सीएम देवेंद्र फडणवीस मामले पर क्या बोले?
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि खत्म नहीं होगा जो शिकायत मिली है उसे देखेंगे, पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के आवेदनों को जिस तरह से जांचा गया उसी तर्ज पर करेंगे, इसे खत्म नहीं करेंगे. महाराष्ट्र की जिन महिलाओं के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, उन्हें लाडली बहना योजना के तहत 1 जुलाई 2024 से आर्थिक सहायता के तौर पर हर महीने 1,500 रुपये मिल रहे हैं. जिसे चुनाव प्रचार के दौरान ‘महायुति' ने बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया है.
ऐसी शिकायतें हैं कि चुनाव से पहले जुलाई से नवंबर तक की किश्त के भुगतान के लिए दस्तावेजों की जांच में कुछ ख़ास सख़्ती नहीं बरती गई, पर अब बढ़ी राशि के साथ दिसंबर की किश्त जारी करने से पहले आवेदनों की पड़ताल होगी. नियमानुसार मापदंड से बाहर आने वाली महिलाओं का आवेदन खारिज हो सकता है, जिसके बाद अपात्र महिलाओं को लाडकी बहीण योजना की अगली किश्तें नहीं मिल पायेगी.
महायुति को क्यों घेरने में लगा विपक्ष
जिस योजना ने महायुति को महाराष्ट्र जिताया, अब उसके लाभार्थियों की जांच की खबर को विपक्ष यूहीं बिना मुद्दा बनाये छोड़ना नहीं चाहता. संजय राउत कहते हैं कि महायुति के दलों ने इस योजना से महिलाओं के वोट ख़रीदे. अब काम पूरा हुआ तो लाभ देने से पहले जांच की बात कर रहे हैं. राउत ने कहा कि महायुति ने चुनाव में महिलाओं के वोट खरीदने की कोशिश की. मुंबई में जिन महिलाओं की आय अच्छी है ऐसी महिलाओं ने भी लाडली बहना योजना का गलत फायदा उठाया. आपने ये पैसा गलत तरीके से दिया और अब आपकी आंखें खुली हैं. इसका बोझ राजकोष पर पड़ रहा है.
योजना के लिए पैसा कहां से आएगा
अब उनका आंदोलन शुरू हो गया है. क्योंकि पैसा कहां से आएगा? आय के साधन क्या हैं? अब हमारी एक ही प्रार्थना है कि जिन महिलाओं को पैसे दिए गए हैं, वे इसे छीन न लें. पैसा वसूलने के लिए आप कुछ भी कर सकते हैं. वैसे, मुंबई में राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने कहा, लाडली बहन योजना चलती रहेगी. महाराष्ट्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्य वित्तीय स्थिति कैसी है, ये लाडली बहन योजना की छठी किश्त से पहले की कसरत में काफ़ी हद तक साफ़ होता दिखेगा. देखना ये भी दिलचस्प होगा की वर्तमान में इस योजना की करीब 2.34 करोड़ लाभार्थी महिलाओं की संख्या आगे कितनी क़ायम रहती है.