- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे से मुलाकातें की हैं, जिससे राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
- फडणवीस की राज ठाकरे से मुंबई के एक होटल में बैठक हुई, जिसे भाजपा की मराठी वोट बैंक मजबूत करने की रणनीति माना जा रहा है.
- आदित्य ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस भी एक ही होटल में घंटों तक मौजूद रहे. हालांकि दोनों ने औपचारिक मुलाकात से इनकार किया था.
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले कुछ हफ्तों से लगातार ठाकरे परिवार के सदस्यों यानी पहले राज ठाकरे, फिर उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के संपर्क में दिखाई दे रहे हैं. इन मुलाकातों और घटनाओं ने राजनीतिक गलियारों में नए समीकरणों की अटकलें तेज कर दी हैं. पर्दे के पीछे की इस राजनीति में वोट बैंक को मजबूत करने सहित कई ऐसे मुदृे हैं, जिन पर फोकस किया जा रहा है. हालांकि इन मुलाकातों ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को भी हवा दे दी है.
ऐसे में सवाल है कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में कोई बदलाव आने वाला है? क्या भाजपा उद्धव ठाकरे या राज ठाकरे से गठबंधन की संभावनाएं टटोल रही है?
मुलाकात, बयान और ये अद्भुत संयोग
13 जून 2025 – राज ठाकरे से मुलाकात
देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे की गुप्त बैठक मुंबई के ताज लैंड्स एंड, बीकेसी में हुई. इस बंद दरवाजे की बैठक को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह माना गया कि बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए मराठी वोटों के लिए यह रणनीतिक मुलाकात थी.
16 जुलाई 2025 - 'इधर आ जाइए' वाला बयान
विधान परिषद की बैठक के दौरान फडणवीस ने उद्धव ठाकरे से मजाकिया अंदाज में कहा “इधर आ जाइए” (यानी सत्ताधारी पक्ष में शामिल हो जाइए). इस बयान ने राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया और भाजपा-शिवसेना (UBT) के संभावित मेल का संकेत माना गया.
17 जुलाई 2025 – उद्धव ठाकरे और फडणवीस की बैठक
विधान परिषद के सभापति के कक्ष में उद्धव ठाकरे और फडणवीस के बीच लगभग 20 मिनट की एक निजी मुलाकात हुई. किसी भी पक्ष ने बैठक की आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन इसे सिर्फ "औपचारिकता" कहना राजनीतिक तौर पर कठिन था.
19 जुलाई 2025 – आदित्य ठाकरे और फडणवीस एक ही होटल में
मुंबई के बीकेसी स्थित सोफिटेल होटल में शनिवार शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे दोनों मौजूद थे. दोनों ने किसी औपचारिक मुलाकात से इनकार किया, लेकिन क्या एक ही होटल में घंटों तक मौजूद रहना राजनीति में "संयोग" माना जाए?
क्या चल रहा है पर्दे के पीछे?
- मराठी वोट बैंक पर फोकस: भाजपा बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए मराठी वोट बैंक को फिर से मजबूत करना चाहती है. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे, दोनों के साथ संपर्क साधकर भाजपा एक 'मराठी गठबंधन' की जमीन तैयार कर रही है.
- शिंदे गुट पर दबाव: भाजपा का ठाकरे परिवार से बढ़ता संवाद एकनाथ शिंदे गुट के लिए खतरे की घंटी है. अगर भाजपा को ठाकरे गुट के साथ बेहतर समीकरण दिखते हैं तो शिंदे की प्रासंगिकता को चुनौती मिल सकती है.
- आदित्य ठाकरे का उभरता कद: आदित्य ठाकरे की मौजूदगी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. फडणवीस जैसे नेता के साथ एक ही होटल में ‘संयोगवश' रहना एक राजनीतिक संकेत भी हो सकता है कि भाजपा आने वाले समय में युवा ठाकरे को अलग तरीके से देख रही है.
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, भाजपा महाराष्ट्र में लोकल चुनावों से पहले सभी विकल्पों पर काम कर रही है और ठाकरे परिवार के साथ संबंध सुधारना उसी योजना का हिस्सा हो सकता है.