भाई-भाई के बाद अब चाचा-भतीजे में सुलह? शरद पवार संग जाने के नफा-नुकसान गिनने में जुटे अजित पवार!

खबर है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी पार्टी के साथ शरद पवार गुट से फिर जुड़ने की संभावना पर विचार कर रहे हैं. आगामी निकाय चुनावों को देखते हुए उन्होंने अपने करीबी विधायकों से इस मसले पर राय मांगी है.

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  • खबर है कि अजित पवार अपनी पार्टी के साथ शरद पवार गुट से फिर जुड़ने की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं.
  • सूत्रों से पता चला है कि आगामी निकाय चुनावों को देखते हुए अजित पवार ने करीबी विधायकों से इस मसले पर राय मांगी है.
  • हालांकि अजित पवार गुट के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे शरद पवार के साथ वापस जाने के मूड में नहीं हैं.
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मुंबई:

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है. कयास लग रहे हैं कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बाद अब अजित पवार और शरद पवार में भी सुलह हो सकती है. खबर है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायकों के साथ शरद पवार गुट से फिर जुड़ने की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं. 

अजित पवार ने करीबी विधायकों से मांगी राय!

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आगामी निकाय चुनावों को देखते हुए अजित पवार ने अपने करीबी विधायकों से इस मसले पर राय मांगी है और दोनों गुटों के एक होने के फायदे-नुकसान पर चर्चा कर रहे हैं. एक विश्वसनीय नेता ने बताया कि अजित पवार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि अगर एनसीपी के दोनों गुट एक साथ आ जाएं तो इसका असर क्या होगा. खासतौर पर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर कुछ विधायकों का मानना है कि दोनों गुटों का एकजुट होना फायदेमंद हो सकता है. 

निकाय चुनावों में युति की संभावना पर विचार

कुछ विधायकों ने संभावना जताई है कि अलग-अलग लड़ने के कारण जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में विभाजन होने से ग्रामीण क्षेत्रों में अजित पवार और शरद पवार दोनों गुट प्रभावित हो सकते हैं. कार्यकर्ताओं का बिखराव दोनों के लिए चुनौती बन सकता है. अगर दोनों टीमें एक साथ काम करें तो वोटरों का विभाजन रुक सकता है. 

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कुछ नेता सीनियर पवार संग जाने के मूड में नहीं

हालांकि इस चर्चा के बीच अजित पवार गुट के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे शरद पवार के साथ वापस जाने के मूड में नहीं हैं. अजित पवार गुट के नेता सुनील तटकरे ने भी हाल ही में कहा है कि दोनों गुटों के विलय की कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो रही है लेकिन सियासी गलियारों में इस तरह की चर्चा जोरों पर है.

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2023 में अजित पवार ने की थी चाचा से बगावत

बता दें कि 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और 40 विधायकों को लेकर अलग पार्टी बना ली थी. बाद में वह सत्ताधारी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गए और  बीजेपी तथा एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ महायुति गठबंधन बना लिया. इसके बाद चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को NCP का नाम और 'घड़ी' चुनाव चिन्ह भी दे दिया. वहीं शरद पवार की पार्टी को नया नाम NCP (शरदचंद्र पवार) लेना पड़ा. 

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आम चुनाव में चाचा आगे तो विधानसभा में भतीजा

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार गुट ने जिन 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 8 सीटें जीत हासिल की. वहीं अजित पवार की पार्टी चार सीटों पर लगी और महज एक सीट जीत पाई. हालांकि इसके बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी ने 41 सीटें जीतकर बढ़त बना ली. वहीं शरद पवार की पार्टी केवल 10 सीटें ही बचा पाई. उसके कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. 

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