बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव के पहले शिवसेना यूबीटी गुट के नेता उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे ने हाथ मिला लिया है. दोनों ने बीएमसी चुनाव साथ लड़ने का संकेत दिया है. चचेरे भाइयों के साथ आने के सवाल का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ये लोग ऐसा माहौल बना रहे हैं, मानो कि रूस और यूक्रेन आखिरकार एक-दूसरे के साथ आ गए हों. मानो व्लादीमीर पुतिन और जेलेंस्की बातचीत कर रहे हों. ये दोनों पार्टियां अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं. इन्होंने बार-बार अपनी भूमिकाएं बदली हैं और जनता का भरोसा खो दिया है. इन लोगों ने तुष्टीकरण की नीति अपनाई और अपना वोट बैंक खो दिया है.
फडणवीस ने कहा, ये अपना अस्तित्व को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. अगर ये पार्टियां अपने अस्तित्व को बचाने के लिए साथ आती हैं तो वे चुनाव नहीं जीत सकतीं. इन दोनों भाइयों के पास अब कोई विचारधारा नहीं बची है। वे अवसरवाद की राजनीति कर रहे हैं.
गौरतलब है कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 20 साल बाद साथ आए हैं. बीएमसी के तौर पर शिवसेना के पास आखिरी किला बचाने की चुनौती है, जबकि मनसे को महाराष्ट्र चुनाव में लगातार हार मिल रही है. दोनों नेताओं ने मराठी मानुष और मराठी अस्मिता के मुद्दे पर चुनाव लड़ने का इशारा किया है. दोनों ने चुनाव जीतने पर मराठी को ही मेयर बनाने का ऐलान किया है. गठबंधन के तहत मनसे 65 से 70 सीटों पर और उद्धव ठाकरे की पार्टी 145 से 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.














