नयी दिल्ली: प्रसिद्ध उपन्यासकार पाउलो क्वोलहो इतिहास की सर्वाधिक रहस्यमय महिला माताहारी के आखिरी खत के जरिये उनकी अविस्मरणीय कहानी को दोबारा बयां कर रहे हैं. सच्ची घटनाओं पर आधारित होने का दावा करने वाले उपन्यास ‘द स्पाई’ परी की पुर्तगाली किताब का अनुवाद है.
क्वोल्हो ने कहा, ‘‘मैंने माताहारी की जिंदगी की सच्चाइयों पर अपना उपन्यास आधारित करने की कोशिश की है. बहरहाल मुझे कुछ संवाद लिखने पड़े, कुछ दृश्यों को आपस में मिलाना पड़ा, कुछ घटनाक्रमों का क्रम बदलना पड़ा और ऐसी हर वह चीज हटानी पड़ी, जो मुझे विवरण के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं लगी.’’
जब माताहारी पेरिस पहुंची थीं तब उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं थे. कुछ ही महीने के अंदर वह शहर की सबसे मशहूर महिला बन गयीं. नर्तकी के तौर पर उन्होंने दर्शकों को चौंका दिया, मंत्रमुग्ध कर दिया, गणिका के तौर पर उस समय के सबसे धनी एवं सबसे ताकतवर पुरूषों को अपना दीवाना बना दिया था.
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लेकिन प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस में बढ़ती बेचैनी के बीच माताहारी की जीवनशैली ने उन्हें संदेह के घेरे में ला दिया. 1917 में माताहारी को जासूसी के आरोपों को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में फायरिंड स्क्वायड ने गोली मारकर उन्हें मौत की सजा दी.
‘द स्पाई’ एक ऐसी महिला की अविस्मरणीय कहानी है जिसने परंपराओं को तोड़ने का साहस दिखाया और आखिर में उसे इसी की कीमत चुकानी पड़ी.