World Breastfeeding Week: बच्चे ही नहीं बल्कि मां के लिए भी दूध पिलाना है फायदेमंद, जानें यहां

World Breastfeeding Week 2022: स्तनपान से बच्चे को मिलने वाले फायदों के बारे आपने कई बार सुना होगा, जानिए मां की सेहत के लिए बच्चे को दूध पिलाना कैसे फायदेमंद है. 

World Breastfeeding Week: बच्चे ही नहीं बल्कि मां के लिए भी दूध पिलाना है फायदेमंद, जानें यहां

World Breastfeeding Week: प्रत्येक वर्ष 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है विश्व स्तनपान सप्ताह.

खास बातें

  • अगस्त का पहला हफ्ता विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है.
  • बच्चे के वृद्धि और विकास के लिए जरूरी है मां का दूध.
  • मां के लिए भी है दूध पिलाना अच्छा.

World Breastfeeding Week: मां का दूध बच्चे के लिए किसी अमृत से कम नहीं होता. मां दूध के माध्यम से बच्चे को भरपूर पोषण देती है जो उसकी वृद्धि और विकास को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है. हर साल 120 से ज्यादा देश विश्व स्तनपान सप्ताह मनाते हैं. इस दिन का मकसद मां और बच्चे की सेहत को प्रोत्साहन देने के लिए स्तनपान के प्रति जागरूकता फैलाना और उसे सपोर्ट प्रदान करना है. इस दिन को वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन ने 1990 में उद्घाटन करते हुए 1992 से मनाना शुरू किया था. 

इस साल की थीम (Theme) 'प्रोटेक्ट ब्रेस्टफीडिंग: एक साझा जिम्मेदारी' है. बच्चे को मां का दूध (Breast milk) पीने से कौनसे फायदे मिलते हैं इससे आमतौर पर लोग वाकिफ होते हैं लेकिन मां के लिए ब्रेस्टफीडिंग कैसे फायदेमंद है, आइए जानें. 

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दूध पिलाने से मां को मिलने वाले फायदे | Breastfeeding Benefits For Mothers 

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Photo Credit: iStock

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मां को बच्चे के जनम के एक घंटे के अंदर ही उसे दूध पिलाना शुरू कर देना चाहिए. मां को अगले 6 महीने तक लगातार बच्चे को दूध जरूर पिलाना चाहिए. इसके बाद बच्चे के 2 साल के होने तक उसे कभी-कभी दूध पिलाते रहने चाहिए. यह बच्चे और मां (Mother) की इच्छा पर आधारित होता है.

  • बच्चे को दूध पिलाने वाली मां के स्तनपान (Breastfeed) कराने के कई फायदे मिलते हैं. बच्चे को जन्म के बाद स्तनपान कराने से हीलिंग प्रोसेस तेज हो जाता है. 
  • ब्रेस्टफीड कराने के दौरान कैलोरी बर्नआउट होता है जो पोस्टपार्टम वेट जल्दी घटने में मददगार है. 
  • हड्डियों में होने वाली दिक्कतें जैसे ओस्टियोपोरोसिस और आर्थराइटिस का खतरा कम होता है. 
  • बच्चे को दूध पिलाना इमोशनल सैटिसफेक्शन को बढ़ावा देता है जिससे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कम होने में मदद मिलती है.
  • इसके अलावा स्तनपान कराते वक्त बच्चे और मां में होने वाले स्किन-टू-स्किन कोंटेक्ट दोनों के लिए अच्छा होता है. यह बच्चे से भावनात्मक रिश्ता मजबूत करने का भी एक तरीका है. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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