विज्ञापन
This Article is From Dec 12, 2020

कोविड-19 से बचाव में सूती कपड़े के मुकाबले नायलॉन की दो परतों वाला मास्क अधिक कारगर: अध्ययन

अध्ययन में पाया गया कि सूती कपड़े से बना मास्क केवल 49 प्रतिशत कारगर है जबकि एन-95 मास्क वायरस से 95 प्रतिशत तक रक्षा करता है.

कोविड-19 से बचाव में सूती कपड़े के मुकाबले नायलॉन की दो परतों वाला मास्क अधिक कारगर: अध्ययन
कोविड-19 से बचाव में सूती कपड़े के मुकाबले नायलॉन की दो परतों वाला मास्क अधिक कारगर: अध्ययन
न्यूयॉर्क:

वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क में किए गए बदलावों और उनके प्रभाव का मूल्यांकन किया और पाया कि नायलॉन से बने दो परतों वाले मास्क सामान्य मास्क के मुकाबले अधिक प्रभावी हैं.  इस अध्ययन दल में अमेरिका स्थित यूनिवसिर्टी ऑफ नार्थ कैरोलिना (यूएनसी) से सबद्ध स्कूल ऑफ मेडिसीन के भी वैज्ञानिक शामिल थे. उन्होंने रेखांकित किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान चेहरे को ढंकने के लिए कई नवोन्मेषी उपकरण और मास्क इस दावे के साथ बनाए गए हैं कि वे पारंपरिक मास्क के मुकाबले कोरोना वायरस के संक्रमण से बेहतर तरीके से बचाव करते हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इन मास्क या चेहरे को ढंकने वाले उपकरणों के प्रभाव का बहुत कम मूल्यांकन हुआ है.

कोविड वैक्सीन के लिए दिल्ली-मुंबई ने तैयार की 3.25 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स की लिस्ट

जेएमएए इंटरनल मेडिसीन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने विभिन्न तरह के मास्क का मूलयांकन उन्हें पहनने वालों के वायरस से संपर्क में आने के आधार पर किया. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक सर्जिकल मास्क हवा में मौजूद वायरस को दूर रखने में 38.5 प्रतिशत तक कारगर है लेकिन जब इसे कान पर विशेष तरीके से और कसकर बांधा जाता है तो इसकी क्षमता में सुधार होता है और यह 60.3 प्रतिशत तक संक्रमण से रक्षा कर सकता है. उन्होंने बताया कि जब सर्जिकल मास्क में नायलॉन की परत जोड़ी जाती है तो यह 80 प्रतिशत तक प्रभावी हो जाता है.

दिल्ली में कोरोना के कुल मामले 6 लाख के पार, रिकवरी रेट भी 95% के ऊपर

अनुसंधानपत्र के सह लेखक और यूएनसी में कार्यरत इमिली सिकबर्ट बेनेट ने कहा कि वायरस की मात्रा का कम करना महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वायरस के संपर्क में आने से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा भी अधिक होता है.'' अध्ययन में पाया गया कि सूती कपड़े से बना मास्क केवल 49 प्रतिशत कारगर है जबकि एन-95 मास्क वायरस से 95 प्रतिशत तक रक्षा करता है. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक मास्क में नाक के पास दबाने के लिए क्लिप की उपस्थिति और सूती और नायलॉन से बने मास्क को धोने से उनकी क्षमता में सुधार होता है.

मनोचिकित्सक भी मानसिक तनाव में, ‘मरीज़ों की बढ़ी संख्या,लम्बे सेशन तनाव में डाल रहे हैं'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com